` अकाल तख़्त द्वारा गत्तके की प्रदर्शनी में स्टंटबाज़ी बंद करने की प्रंशसा

अकाल तख़्त द्वारा गत्तके की प्रदर्शनी में स्टंटबाज़ी बंद करने की प्रंशसा

stop stunting in Gatka's exhibition by Akal Takht share via Whatsapp

गत्तका संस्थाओं और अखाड़े इस हुक्मनामे पर अमल करें- ग्रेवाल

इंडिया न्यूज सेंटर,चण्डीगढ़ः नेशनल गतका एसोसिएशन आफ इंडिया (रकिा ) गतका एसोसिएशन पंजाब और इंटरनेशनल सिक्ख मार्शल आर्ट अकैडमी (रजि़.) ने आज एक सांझे बयान में सिंह साहिब जत्थेदार श्री अकाल तख़्त साहब ग्यानी गुरबचन सिंह द्वारा गत्तके की प्रदर्शनी में स्टंटबाज़ी बंद करने दे आदेश की पुरज़ोर प्रंशसा करते कहा कि देश -विदेश में चलते समूह अखाड़ा और गतका संस्थाओं श्री अकाल तख़्त साहिब के इस हुक्मनामा पर अमल करते हुए विरासती कला का ही प्रदर्शन करें। इस संबंधी एक सांझे बयान में नेशनल गतका एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रधान  हरजीत सिंह ग्रेवाल स्टेट ऐवारडी और अन्य वित्त सचिव बलजीत सिंह सैनी, गतका एसोसिएशन पंजाब के प्रधान अवतार सिंह गतका प्रशिक्षक पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला, इंटरनेशनल सिक्ख मार्शल आर्ट अकैडमी (इसमा) के सचिव ऊदे सिंह सरहिन्द और संयुक्त सचिव गुरमीत सिंह ने कहा कि यह तीनों ही संस्थाओं शुरू से ही इस पुरातन मार्शल आर्ट में किसी भी किस्म की स्टंटबाज़ी या बाज़ीगिरी के सख़्त खि़लाफ़ रही हैं और पिछले एक दशक से ही हर मंच पर इस बिपरीत और जंगजू कला का मूल स्वरूप को बिगाडऩे विरुद्ध आवाज़ बुलंद की है। गतका प्रोमोटर श्री ग्रेवाल और अवतार सिंह ने कहा कि सिक्ख विरासती खेल के प्रदर्शन मौके कुछ गतका अखाड़ों द्वारा की जाती स्टंटबाज़ी का गत्तके साथ कोई भी स बन्ध न होने के बावजूद स्टेजों और टीवी शो दौरान बाज़ीगिरी करने वाले नौजवान गत्तके नाम अधीन खतरनाक स्टंट करते रहे जिस कारण कई बच्चों को जानी नुक्सान भी उठाना पड़ा और आम साधारण लोग ऐसे ग़ैर -गत्तकयी और खतरनाक स्टंटों को देखते अपने बच्चों को इस खेल से दूर रख रहे थे। उन्होंने कहा जत्थेदार श्री अकाल तख़्त साहिब का इस फ़ैसले के लिए धन्यवाद करते कि नेशनल गतका एसोसिएशन आफ इंडिया, गतका एसोसिएशन पंजाब और इसमा इस परातन खेल को दूसरी स्थापित भारतीय खेल की तरह फिर सुरजीत करने, राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाने और हरमन -प्यारा बनाने के लिए दृढ़ संकल्प है और इन संस्थाओं द्वारा किये जा रहे विशेष के यतनों स्वरूप गतका आज समूचे देश भर में प्रवानित खेल के तौर पर प्रचलित और प्रसिद्ध हुआ है और विदेशों में भी खेल के तौर पर हरमन प्यारा बन गया है। उन्होंने कहा कि गतका युद्ध कला अपने आप में सुरक्षा की पूर्ण कला है। इस लिए समूह परिवारों के बच्चे अधिक से अधिक इस कला को खेल और स्वै रक्षा के तौर पर अपनाने जिससे नौजवानों को सामाजिक कुरीतियों, पतितपुने और नशों से दूर रखते हुए नौजवानों की रचनात्मिक शक्ति को सही दिशा की तरफ लगाया जा सके।

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Source: INDIA NEWS CENTRE

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