इंडिया न्यूज सेंटर, इलाहाबाद: प्रदेश में चुनावों से ठीक पहले समाजवादी पार्टी की अखिलेश यादव सरकार को बड़ा झटका लगा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार के 22 दिसंबर 2016 को जारी उस नोटिफिकेशन पर रोक लगा दी है जिसके तहत इन 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति की श्रेणी में शामिल कर उन्हें एससी का दर्जा देने का आदेश दिया गया था। सरकार के इस निर्णय के खिलाफ डा. भीमराव अम्बेडकर ग्रंथालय एवं जन कल्याण समिति ने याचिका दाखिल कर नोटिफिकेशन पर रोक लगाने की मांग की थी। चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिफिकेशन में शामिल सभी 17 जातियों को एससी का सर्टिफिकेट जारी करने पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने प्रमुख सचिव समाज कल्याण को आदेश के अनुपालन का आदेश देते हुए उन्हें रिपोर्ट मांगी है। सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता वीबी सिंह ने कोर्ट को बताया कि, फिलहाल ऐसी किसी भी जाति को एससी का सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया है। याचिका में कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 341 के तहत किसी जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने का अधिकार केन्द्र सरकार को है। राज्य सरकार को ऐसा अधिकार नहीं है। इसलिए राज्य सरकार के शासनादेश 22 दिसम्बर 2016 व 31 दिसम्बर 2016 की अधिसूचना को रद्द किया जाए तथा 17 जातियों को पिछड़े वर्ग में वापस किया जाए।