Good news for the economy: growth rate may be 9.5 percent in 2021-22
बिजनेस न्यूज डेस्कः अर्थव्यवस्था को लेकर लगातार आ रही बुरी खबरों के बीच भारत के लिए एक अच्छी खबर आई है। एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष यानी 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था के पांच फीसदी सिकुड़ने का अनुमान जताया है। लेकिन फिच का कहना है कि वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की विकास दर 9.5 फीसदी रह सकती है।
वृद्धि दर में आ सकती है तेजी
इस संदर्भ में फिच रेटिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत के फाइनेंशियल सेक्टर की हालत अगर आगे और खराब न हो, तो वृद्धि दर में तेजी आ सकती है। लेकिन कोरोना वायरस महामारी की वजह से वित्त वर्ष 2020-21 में वृद्धि दर पर काफी दबाव है।
महामारी के चलते कमजोर है ग्रोथ आउटलुक
मौजूदा वर्ष के लिए फिच के अनुमान के अनुसार वृद्धि दर में पांच फीसदी तक कमी आ सकती है। फिच ने एशिया पैसेफिक सॉवरेन क्रेडिट ओवरव्यू में कहा कि कोरोना वायरस महामारी के चलते भारत का ग्रोथ आउटलुक कमजोर हुआ है।
सरकार व RBI ने सुधार लिए उठाए कदम
अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने दो बार ब्याज दरों में कटौती की। साथ ही लॉन्ग टर्म रेपो ऑपरेशन के जरिए लिक्विडिटी बढ़ाने के उपाय किए गए। बैंकों और एनबीएफसी में तरलता बढ़ाने के लिए अलग से विशेष प्रावधान किए गए हैं। इतना ही नहीं, सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का एलान किया है।
मालूम हो कि देश में कोरोना वायरस को रोकने के लिए 25 मार्च को लॉकडाउन घोषित किया गया था। इस संकट के समय में अर्थव्यवस्था के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। फिलहाल कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। देश में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के एक दिन में सर्वाधिक 9,996 मामले सामने आए और 357 लोगों की मौत हुई। इसके साथ ही गुरुवार सुबह आठ बजे तक संक्रमण के कुल मामले 2,86,579 हो गए और मृतकों की संख्या 8,102 पर पहुंच गई।