Unique experiment: earn millions rupees from bad vegetables, fertilizers, surat mandi,
बिजनेस,न्यूज डेस्क: खराब फल-सब्जियां हमारे लिए किसी काम की नहीं होती हैं। इनसे गंदगी फैलती है, लेकिन कुछ जगहों पर इससे खाद बनाई जाती है। हालांकि सूरत की सब्जी मंडी ने खराब फल-सब्जियों के निपटाने के लिए शानदार तरीका निकाला है और इसके माध्यम से लाखों में कमाई कर रही है।
सब्जी मंडी से निकले जैविक कचरे से गैस बनाकर सूरत एपीएमसी लाखों में कमाई कर रही है। सूरत एपीएमसी खराब फल-सब्जियों से गैस बनाकर उसे गुजरात गैस कंपनी को सप्लाई कर रही है। इससे उन्हें लाखों रुपये की कमाई हो रही है।
प्रदूषण से मिल रही मुक्ति
इसका बड़ा फायदा ये है कि इससे प्रदूषण से मुक्ति मिल रही है। दरअसल बायोगैस हर उस चीज से बन सकती है, जो सड़ सकती है। जैविक कचरे से यह आसानी से बनाई जा सकती है। कंपोस्टिंग से गैस हवा में चली जाती है, लेकिन बायोगैस से उस व्यर्थ जाने वाली गैस का इस्तेमाल मानव उपयोग में किया जा सकता है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने दी जानकारी
इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने दी। मालूम हो कि सूरत एपीएमसी खराब सब्जियों से गैस बनाने वाली देश की पहली एपीएमसी है। प्रतिदिन 40 से 50 टन खराब सब्जियों, फलों से गैस बन रही है। एपीएमसी गुजरात गैस को रोजाना 5100 scm बायो सीएनजी की बिक्री कर रही है। इसके लिए सूरत एपीएमसी और गुजरात गैस कंपनी के बीच समझौता भी हुआ है।
रोजाना इतना हो रहा उत्पादन
इस संदर्भ में सूरत एपीएमसी के चेयरमैन रमण जानी ने कहा कि इस प्लान में प्रतिदिन 50 टन कचरा प्रोसेस हो रहा है और 1000 cm गैस का उत्पादन हो रहा है।