` अपराध और अपराधियों के सुराग का पता लगाने के लिए पंजाब पुलिस का ‘लाइव’ कार्य शुरू

अपराध और अपराधियों के सुराग का पता लगाने के लिए पंजाब पुलिस का ‘लाइव’ कार्य शुरू

PUNJAB POLICE GOES `LIVE’ TO TRACK CRIME & CRIMINALS AS CM ROLLS OUT CCTNS PROJECT share via Whatsapp

PUNJAB POLICE GOES `LIVE’ TO TRACK CRIME & CRIMINALS AS CM ROLLS OUT CCTNS PROJECT


मुख्यमंत्री द्वारा सी.सी.टी.एन.एस. प्रोजैक्ट का आंरभ



इंडिया न्यूज सेंटर,चण्डीगढ़ः
पंजाब पुलिस कानून व्यवस्था और समय के साथ बढ़ती चुनौतियों से निपटने के लिए अपनी क्षमता को मज़बूत बनाने के लिए डिजिटल क्षेत्र में कदम रखा है।  जिसके लिए पंजाब को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपराध और अपराधियों के सुराग का पता लगाने के लिए क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रेकिंग नैटवर्क एंड सिस्टमज़(सी.सी.टी.एन.एस.) की शुरूआत की है । सी.सी.टी.एन. ‘गो लाइव’ की शुरूआत से राज्य में एफ.आई.आरज़. और जनरल डायरीज़ के रूप में सम्पूर्ण कार्य बिना पेपरों के किये जाने का राह खुल गया है जिसको अब पुलिस कर्मचारियों द्वारा ऑन लाईन अपलोड किया जायेगा जिसके लिए उनको टेबलेट मुहैया करवाए जाएंगे। इस पहल कदमी के लिए पुलिस को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पंजाब अब उन कुछेक राज्यों में शामिल हो जायेगा जो देश में इस का प्रयोग करते हैं । 13 वर्षो पुराना डाटा (एफ.आई.आरज़. और जनरल डायरीज़) का पहले ही इस प्रोजैक्ट के हिस्से के तौर पर डिजीटलीकरण कर दिया है और भविष्य में सम्पूर्ण डाटा अब लाइव अपलोड किया जायेगा । इस प्रोजैक्ट की शुरूआत के अवसर पर  पंजाब पुलिस के उच्च अधिकारी उपस्थित थे जिन में डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा, डी.जी.पी. -आई.टी. और टी.वी. वी.के. भावड़ा, डी.जी.पी. इंटेलिजेंस दिनकर गुप्ता, डी.जी.पी. कानून व्यवस्था हरदीप ढिल्लों, आई.जी. प्रोविज़निंग गुरप्रीत दियो, आई.जी. क्राइम इन्दरवीर सिंह, आई.जी.पी. - आई.टी.एस.के. अस्थाना, आई. जी. एन.आर. आई. सेल ईशवर चंद्र, मुख्य मंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल और मुख्य मंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह शामिल थे । इस पहलकदमी के लिए पुलिस की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने उनको इस प्रोजैकट के द्वारा उपलब्ध बहुमूल्य सूचना के भंडार को प्रभावी ढंग से इस्तेमाल करने के लिए कहा है । उन्होंने सभी स्तरोंं पर सूचना प्रौद्यौगिकी की कुशलता को बढ़ाने की ज़रूरत पर बल दिया है ताकि ऐसे प्रोजेक्टों को लाभदायक बनाया जा सके । मुख्यमंत्री ने पुलिस स्टेशन और निगरानी स्तर के सभी पुलिस अधिकारियों को इस प्रोजैक्ट पर कार्य करने के लिए कहा है । उन्होंने सी.सी.टी.एन.एस. के द्वारा सफलता प्राप्त करने वालों को उचित सम्मान देने के लिए भी निर्देश दिए हैं । सी.सी.टी.एन.एस. को नागरिक सेवाएंं ओर प्रभावशाली ढंग से मुहैया करवाने के लिए सांझ से जोड़ा जायेगा। जांच और पैरवी की गुणवत्ता में सुधार लाने सहित इस प्रोजैक्ट का बुनियादी उदेशय अपराध को अपराधियों से जोड़ कर अहम अपराधिक ख़ुफिय़ा सूचना मुहैया करवाने के अलावा सभी लोगों को साधारण ढंग से बढिय़ा सेवाएं मुहैया करवाना है । इस से बहुत सादे ढंग से पुलिस स्टेशन स्तर पर रिकार्ड रखा जायेगा । डी.जी.पी. के अनुसार इस प्रोजैक्ट के लिए केंद्र द्वारो 47 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है और इस में से 22.64 करोड़ रुपए ख़र्चे जा चुके हैं। इस प्रोजैक्ट के अधीन इस समय पर 600 स्थानों होंगें जिन में 400 पुलिस थाने और सब -डिवीजऩ से ले कर राज्य स्तर तक उपर के कार्यालय हैं। इस समय 13 वर्ष (2005 से 2017) तक का डाटा इस पर उपलब्ध है जिस में करीब 7.6 लाख एफ.आई.आरज़. के अलावा विभिन्न तरह की जांच के साथ सम्बन्धित कुल 29 लाख रिकार्ड हैं । इनको अॅान लाईन देखा जा सकता है।एफ.आई.आरज़. के दाखि़ल होने से यह डाटा रोज़ाना  ही बढ़ता जायेगा। पड़ताल की महत्वपूर्ण उपलब्धियां और अदालतों द्वारा मामलों के निपटारे से भी यह डाटा बढ़ता जायेगा। एस.टी.एफ. डाटा महीने के अंत में जोड़े जाने की उम्मीद है । डी.जी.पी. ने मुख्यमंत्री को बताया कि पुलिस थानों को 512 के.बी. कुनैकशनों से जोड़ा गया है जिसका इस वर्ष जून -जुलाई तक आपटिक फाइबर से स्तर ऊँचा उठाने का प्रस्ताव है । यह कार्य 22 करोड़ रुपए की लागत से किया जायेगा जिस के लिए 12 करोड़ रुपए पहले ही जारी किये जा चुके हैं । सभी स्थानों को कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर मुहैया करवाए गए हैं और इनको डाटाबेस के नियमित अपलोड करने के लिए डिज़ीटली तौर पर जोड़ा गया है । सभी एफ.आई.आरज़. रजिस्टर की जा रही हैं और सभी जनरल डायरी एंटरियां सी.सी.टी.एन.एस. प्रोजैक्ट अधीन कंप्यूटर पर की जा रही हैं । राज्य स्तर के डाटाबेस को स्टेट डाटा सैंटर पर संभाला जा रहा है जिसको बाद में राष्ट्रीय डाटा सैंटर से जोड़ा जा रहा है। अब तक पिछले 10 वर्ष के डाटा को डिजिटलाईजड़ कर दिया है । डाटाबेस में एंटरियां आरभिंक रूप में पुलिस थानों में से जातीं हैं और यह डाटा सभी पुलिस थानों और उच्च कार्यालयो में उपलब्ध होता है। पुलिस थाने स्तर या निगरानी स्तर का कोई भी पुलिस अधिकारी इस डाटा को देख सकता है। इससे अपराध के रुझान का विशलेशण किया जायेगा और इस से निपटने के लिए रणनीतियां तैयार की जाएंगी । निगरान अधिकारी रजिस्टर मामलों की प्रगति और जांच पर निगरानी रख सकते हैं। भविष्य में सी.सी.टी.एन.एस. प्रोजैक्ट का प्रसार किये जाने का प्रस ्ताव है। इस को विभिन्न डाटाबेस से  साथ जोड़ा जायेगा जिसका सरकार द्वारा रख -रखाव किया जाता है । इससे आगे सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को टेबलेट मुहैया करवाए जाएंगे जिससे वह क्षेत्र में से ही अपनी, एंटरियां कर सकें। जांच अधिकारियों और निगरानी अधिकारियों के लिए मोबाइल और वेब आधारित ऐपस विकसित किया जाना भी सरकार के एजंडे पर है।

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Source: INDIA NEWS CENTRE

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