इंडिया न्यूज सेंटर, गुड़गांवः दशकों से ऐश कर रहे अफसर अब ऐसा नहीं कर सकेंगे। अब ट्रेन लेट होने की स्थित में अफसर जिम्मेवार होंगे। अब यात्रियों को ट्रेन के लेट होने पर रेलवे से रिफंड मांगने की आवश्यकता नहीं है। रेलवे अधिकारियों की गलती का खामियाजा अब रेलवे नहीं भुगतेगी, बल्कि अपनी गलती का भुगतान भी अब खुद अधिकारी को ही करना होगा। रेलवे के नए नियम के अनुसार ट्रेन लेट होने के लिए जिम्मेदार अधिकारी को ही रिफंड राशि का भुगतान अपनी जेब से ही करना होगा। ट्रेनों के रियल टाइम अपडेट की जिम्मेदारी ट्रेन के डिब्बे में ही मौजूद टाइम कीपर की होती है। वही ट्रेन का रियल आइम डाटा नेशनल ट्रेन इंक्वायरी को देता है। एनटीएस के डाटा में अपडेट न करने के कारण यदि ट्रेन लेट होती है और स्टेशन पर घंटों देरी से पंहुचती है तो उसे रिफंड के लिए रेलवे के टाइम कीपर की ही सैलरी से पैसे कटेंगे।