-फिरोजपुर रेल मंडल के मानवरहित फाटक को प्राइवेट एजैंसी कर रही है अापरेट
इंडिया न्यूज सेंटर, जालंधर:
फिरोजपुर रेल मंडल में 282 मानवरहित फाटक हैं। रेलवे विभाग ने एक प्राइवेट एजैंसी के जरिए कुछ मानवरहित फाटकों पर गेट मित्र तैनात किए हैं जोकि ट्रेन आने से पहले सीटी बजाकर राहगीरों को रुकने का इशारा करते हैं और मैनुअल तरीके से ट्रेनों को निकालते हैं, लेकिन हैरानी की बात है कि शाम 6 बजे के बाद ये गेट मित्र ड्यूटी खत्म करअपने घरों को लौट जाते हैं जिसके बाद मानवरहित फाटकों पर कोई ड्यूटी पर नहीं होता। सूत्रों के मुताबिक जालंधर-होशियारपुर रेल सैक्शन पर ऐसे कई मानवरहित फाटक हैं जहां पर अभी तक कोई भी कर्मचारी तैनात नहीं किया गया।
जिन मानवरहित फाटकों पर गेट मित्र तैनात किए गए हैं उनमें से ज्यादातर फाटकों पर कर्मचारियों के लिए बिजली-पाने व बैठने की कोई व्यवस्था नहीं है। जालंधर-पठानकोट रेल सैक्शन पर कर्मचारी धूप में ड्यूटी करते देखे गए। सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक ड्यूटी कर रहे इन गेट मित्रों को किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं दी गई है। धूप में 12 घंटे ड्यूटी करने वाले इन गेट मित्रों को अमृतसर की एक प्राइवेट एजैंसी द्वारा 6 से 8 हजार रुपए प्रति महीना तनख्वाह दी जाती है।
मानवरहित फाटकों पर तैनात गेट मित्रों के पास वॉकी-टॉकी, फोन या रेलवे से कनैक्टेड ऐसा कोई नंबर नहीं है जिससे उन्हें ट्रेन के आने या जाने के बारे में पता चल सके। पंजाब केसरी की टीम ने जब जालंधर-पठानकोट रेल सैक्शन का दौरा किया तो वहां पड़ते एकता नगर के पास सी. 3 गेट पर हैरानीजनक बातें सामने आईं। गेट पर तैनात गेट मित्र से जब पूछा गया कि उसे ट्रेन आने का कैसे पता चलता है तो उसने बताया कि अगले फाटक पर रेल लाइनों में लाल झंडी लगी हुई है जब वहां का गेटमैन लाल झंडी उतार देता है तो हमें पता चल जाता है कि ट्रेन आ रही है। ट्रेन गुजरने के बाद अगले फाटक के गेटमैन द्वारा फिर से रेल लाइनों में लाल झंडी लगा दी जाती है। इस मानवरहित फाटक से शाम तक करीब एक दर्जन ट्रेनें गुजरती हैं।