` अमृतसरःपांच लोगों ने की थी आत्महत्या, पुलिस के पूर्व डीआईजी को 8 साल और डीएसपी को 4 सील की कैद की सजा

अमृतसरःपांच लोगों ने की थी आत्महत्या, पुलिस के पूर्व डीआईजी को 8 साल और डीएसपी को 4 सील की कैद की सजा

Amritsar: Five people committed suicide, former police DIG was sentenced to 8 years and DSP to 4 seals share via Whatsapp


Amritsar: Five people committed suicide, former police DIG was sentenced to 8 years and DSP to 4 seals


इंडिया न्यूज सेंटर,अमृतसरः
पंजाब से बड़ी खबर आई है। पंजाब के अमृतसर में आत्महत्या के एक मामले में पंजाब पुलिस के पूर्व डी.आई.जी. कुलतार सिंह को अदालत ने 8 साल की सजा सुनाई है।जानकारी के मुताबिक अमृतसर आत्महत्या मामले में कुलतार सिंह को 8 साल की सजा हुई है। इसके साथ ही डी.एस.पी. हरदेव सिंह को 4 साल कैद की सजा सुनाई गई है। 16 साल पहले हुई सामूहिक आत्महत्या के समय कुलतार सिंह एसएसपी और हरदेव सिंह एक पुलिस अधिकारी थे। पंजाब के अमृतसर में परिवार के पांच लोगों ने सुसाइड कर ली थी। मामले में 16 साल बाद दोषियों को सजा सुनाई गई है। सेशन जज संदीप सिंह बाजवा की अदालत में बुधवार को पूर्व डीआईजी कुलतार सिंह समेत पांच को आठ साल और डीएसपी हरदेव सिंह को चार साल की कैद की सजा सुनाई गई। 17 फरवरी को तत्कालीन एसएसपी अमृतसर व डीआईजी पद से रिटायर हुए कुलतार सिंह, डीएसपी हरदेव सिंह समेत छह लोगों को कोर्ट ने दोषी करार दिया था। अक्तूबर 2004 में अमृतसर के करोड़ी चौक के हरदीप सिंह ने अपने पत्नी, बेटे, बेटी और मां के साथ जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी। व्यक्ति और उसकी पत्नी ने आत्महत्या का कारण घर की दीवारों पर लिखा था। उन्होंने आत्महत्या करने जैसा कदम उठाने के पीछे एसएसपी कुलतार सिंह सहित अपने चार रिश्तेदारों सबरीन, परमिंदर कौर, मोहिंदर व पलविंदरपाल सिंह को आरोपी बताया था। कुलतार सिंह पर दुष्कर्म का भी आरोप है। थाना कोतवाली में तत्कालीन इंस्पेक्टर व इस समय डीएसपी पद पर तैनात हरदेव सिंह पर आरोप था कि उसने कुलतार सिंह के आदेश पर आत्महत्या के सुबूत नष्ट करने के लिए दीवारों को साफ करवाने की साजिश रची थी। इस सामूहिक आत्महत्या कांड के बाद जांच बैठाई गई थी। जस्टिस (रिटायर्ड) अजित सिंह की ओर से संचालित पंजाब मानव अधिकार संगठन ने इस केस को अपने हाथ में लेकर अंजाम तक पहुंचाया। पत्नी से हुए दुष्कर्म के बाद किया था सामूहिक आत्महत्या का फैसला परिवार के साथ आत्महत्या करने वाले शख्स पर आरोप था कि उसने अपने पिता की हत्या की थी। हत्या के बाद उसने पिता की लाश नहर में फेंक दी थी। इस बात की भनक शख्स के रिश्तेदारों को लग गई थी। उन्होंने इस बारे में पुलिस को बता दिया। पुलिस ने जांच करते हुए नहर से शव बरामद किया था। उसकी शिनाख्त सुसाइड करने वाले शख्स के पिता के रूप में हुई थी। जब उससे पूछताछ की गई तो उसने हत्या की बात कबूल ली। लेकिन इस मामले को लेकर उस समय एसएसपी रहे कुलतार सिंह ने उसको ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। आरोप है कि व्यक्ति से 10 लाख की राशि वसूली गई। शख्स एक बार अपनी पत्नी को एसएसपी कुलतार सिंह के दफ्तर लेकर गया, ताकि दस लाख की राशि देने के बाद बातचीत करके मामला रफा दफा करने की बात की जाए। उस दिन एसएसपी ने उसे तो बाहर भेज दिया और पीछे से दफ्तर में ही उसकी पत्नी से दुष्कर्म किया। पत्नी ने जब यह बात अपने पति को बताई तो इससे आहत होकर उसने परिवार के साथ आत्महत्या करने का निर्णय किया। फिर एक रात को जहर खाकर आत्महत्या कर ली।

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Source: INDIA NEWS CENTRE

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