इंडिया न्यूज सेंटर, जालंधरः
बृहस्पतिवार 25 मई को अमावस्या और शनि जयंती का शुभ योग है। जिस तरह सूर्य देव प्रकाशित होकर प्रभात का आगाज करते हैं, उसी तरह चन्द्रदेव रात में अपनी चांदनी चारों ओर फैलाते हैं। अमावस्या की रात में चंद्र देव के दर्शन नहीं होते इसलिए नकारात्मकता सकारात्मकता पर हावी रहती है। इस काली रात में कुछ शुभ कर्म कर लेने से ऊपरी शक्तियां घर-परिवार पर अपनी प्रभाव नहीं डाल पाती और बदल सकती है आपकी तकदीर। प्राचीन परंपराओं के अनुसार, अमावस्या की रात घर के कुछ खास स्थानों पर दीपक जलाने से मिलते हैं ढेरों लाभ। सर्वप्रथम अपने इष्ट देव को याद करते हुए सूर्यास्त के वक्त दीपक लगाने से घर में लक्ष्मी का स्थाई वास होता है। सूर्यास्त के बाद घर में लगे तुलसी के पौधे पर दीपक लगाने से सकारात्मक शक्तियां और देवी-देवता आकर्षित होकर वहीं अपना बसेरा स्थापित कर लेते हैं।