इंडिया न्यूज सेंटर, नई दिल्ली: विवादित डायरी मामले में सहारा इंडिया को आयकर निपटान आयोग (आईटीएससी) से बड़ी राहत मिली है। आयोग ने सहारा पर किसी भी तरह की कानूनी कार्रवाई करने और जुर्माना लगाने से इनकार कर दिया है। आयोग ने अपना फैसला 50 पन्नों में सुनाया है। गौरतलब है कि सहारा प्रमुख सुब्रत राय सहारा बीते दो साल से जेल में हैं। गौरतलब है कि आयकर विभाग ने नवंबर 2014 में सहारा इंडिया के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस छापेमारी के दौरान विभाग को एक डायरी भी मिली थी, जिसमें कुछ नेताओं के नाम थे और उन्हें पैसे देने के संबंध में जानकारी भी दर्ज थी। जांच कर रहे आयोग ने इस डायरी को सबूत के तौर पर मानने से भी मना कर दिया है। जानकारी के मुताबिक उन पन्नों को पढऩे के बाद पता चला कि आयोग ने सहारा इंडिया की ओर से दाखिल केस को पहले खारिज कर दिया था लेकिन 5 सितंबर, 2016 को उसे फिर से सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया गया है। आयोग ने कार्रवाई को तेज करते हुए महज तीन सुनवाई में ही अपना फैसला सुनाते हुए सहारा इंडिया को राहत दी है। आयोग ने राहत का आदेश 10 नवंबर 2016 को सुनाया है जो आखिरी सुनवाई की तारीख 7 नवंबर 2016 से तीन दिन बाद है। वैसे सामान्यत: आयोग 18 महीनों में किसी मुद्दे पर अंतिम फैसला सुनाता है। आयोग के सूत्र बताते हैं कि कभी -कभार ही 10 से 12 महीनों के अंदर कोई फैसला सुनाया जाता है। फैसले के आखिरी पन्ने में लिखा गया है कि छापे के दौरान कंपनी से 137.58 करोड़ रुपये बरामद हुए थे जिस पर अब टैक्स आरोपित किया जाता है। आयोग ने इस टैक्स की राशि अदायगी को भी 12 किश्तों में कर दिया है। फैसले में कहा गया है कि सहारा इंडिया ने आयोग से गुहार लगाई है कि इस वक्त कंपनी कठिन दौर से गुजर रही है इसलिए कर अदायगी को किश्तों में कर दिया जाए।