इंडिया न्यूज सेंटर, नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद अपनी पहली मौद्रिक नीति समीक्षा में बुधवार को रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया। इसके साथ ही लोन वालों के अलावा अर्थशास्त्रियों और उद्योग जगत की सारी उम्मीदें पर पानी फिर गया। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2016-17 में ग्रोथ का अनुमान भी 7.6 प्रतिशत से घटाकर 7.1 प्रतिशत कर दिया। माना जा रहा था कि नोटबंदी के असर से निपटने के लिए केंद्रीय बैंक रीपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है। इससे लोन की ईएमआई कम होने की उम्मीद बंधी थी लेकिन आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि महंगाई की आशंका को देखते हुए ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि अक्टूबर में ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती की गई थी। उसके बाद कटौती की जरूरत नहीं रह गई थी। हालांकि, बैंकों को राहत देने के लिए रिजर्व बैंक ने 100 प्रतिशत सीआरआर को वापस ले लिया। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि अब बैंक पर अब सीआरआर का कोई बोझ नहीं होगा।