इंडिया न्यूज सेंटर, मुंबई: नकदी की समस्या को देखते हुए रिजर्व बैंक ने बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के कर्जदारों को एक करोड़ रुपये तक के होम, कार, एग्रीकल्चर एवं अन्य लोन की पेमेंट के लिए 60 दिन तक का समय दिया है। इस अवधि में बैंकों को ऐसे कर्जों को एनपीए (अवरुद्ध ऋण) की श्रेणी में नहीं दिखाने की छूट होगी। रिजर्व बैंक ने एक अधिसूचना में कहा कि यह 1 नवंबर और 31 दिसंबर के बीच पेमेंट की जाने वाली किस्तों (ईएमआईस) पर लागू होगा। यह छूट उन कर्जदार इकाइयों के लिए भी उपलब्ध है जो एक करोड़ रुपये या उससे कम की कर्ज सीमा के साथ बैंक से कारोबार के रोजमर्रा खर्च के लिए लोन ले रखा है और इसके लिए वर्किंग कैपिटल अकाउंट्स खोल रखा है। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि इस छूट से बैंकों और किसी प्रकार की एनबीएफसी के खाते में एक करोड़ रुपए या उससे कम की स्वीकृत सीमा के टर्म बिजनस या पर्सलन लोन को भी इस छूट का फायदा हो गया। ये लोन गारंटी वाले या बगैर गारंटी दोनों तरह के हो सकते हैं। इनमें होम और एग्रीकल्चर लोन भी शामिल होंगे।