इंडिया न्यूज सेंटर, नई दिल्ली: पैसों की तंगी से जूझ रहा रेलवे जल्द ही रेल किराया बढ़ाने पर विचार कर सकता है। रेल बजट को आम बजट में मिलाने के बाद रेल मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को रेलवे का घाटे के वहन की अपील की थी, लेकिन वित्त मंत्रालय ने इस विचार को मानने से इंकार कर दिया। रेलवे परिचालन घाटे को कम करने के लिए विभिन्न श्रेणियों में दी जाने वाली रियाततों और सब्सिडी में कटौती कर सकता है। रेलवे ने अपने खर्च के संबंध में वित्त मंत्रायल को पत्र लिखकर बताया है कि वे 33 हजार करोड़ का घाटा बर्दाश्त करने की स्थिति में नहीं है इसलिए यात्रियों को दी जाने वाली रियायतों में कटौती करने के अलावा कोई उपाय नहीं बचा है। इस वक्त रेलवे यात्री संचालन पर 77 हजार करोड़ खर्च करता है लेकिन यात्रियों के किराए से सिर्फ 44 हजार करोड़ ही मिलते हैं। जिसके कारण रेलवे को सालाना घाटा 33 हजार करोड़ रुपये का होता है। रेलवे के इस घाटे को पूरा करने और वित्त सहायता देने के लिए वित्त मंत्रालय इच्छुक नजर आ रहा है, साथ ही मंत्रालय चाहता है कि रेलवे अपने घाटे की पूर्ति अपने आंतरिक संसाधनों से पूरा करे। रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा, रेलवे अपनी खाली पड़ी जमीन और स्टेशन की बिल्डिंगों को कामर्शियल इस्तेमाल के लिए देने पर गौर कर रहा है पर इसके लिए भारी निवेश की आवश्यकता होगी।