पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आज आर्थिक संपादकों के सम्मेलन में कहा कि सरकार की कोशिश सभी के लिए ऊर्जा की पहुंच को संभव बनाना और राष्ट्र के लिए ऊर्जा की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
किसानों द्वारा पराली जलाने के कारण दिल्ली एनसीआर में चल रहे स्मॉग और प्रदूषण की समस्या को हल करने के लिए अब केन्द्र ने नई पहल की है।
खेतों में बची पराली से इथेनॉल बनाने के लिए देश भर में 12 बायो-रिफाइनरी स्थापित किए जाएंगे। इनमें ग्रीन टेक्नोलॉजी के माध्यम से इथेनॉल बनाया जाएगा।
साथ ही पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि भारत गैस आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है। 2500 किलोमीटर पाईपलाइन का जाल बिछाया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि अब तक सरकार करीब साढे तीन लाख फर्जी एलपीजी सब्सिडी धारकों को बाहर कर चुकी है जिससे सरकार को 21 हजार करोड़ की सब्सिडी की बचत हुई है।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा देने के लिए नए बाजारों की ओर रूख किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार निर्यात को बढ़ावा देने के लिये नये बाजार और नये उत्पाद तलाश रही है। इसके लिये सरकार ने अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, पेरू और चीली जैसे देशों के साथ व्यापार बढ़ाने के लिये भी कार्यनीति पर काम करना शुरू कर दिया है।
दो दिन तक चलने वाले आर्थिक संपादकों के सम्मेलन में अर्थव्यवस्था और सरकार द्वारा उठाये गए क़दमों के बारे में शुक्रवार को भी सवालों जवाबों का सिलसिला जारी रहेगा।