इंडिया न्यूज सेंटर, नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के लिए बुधवार को दिन ऐतिहासिक होने वाला है क्योंकि ऐसा पहली बार होगा जब वह पहली बार किसी सेवारत्त जज के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए अवमानना की कार्यवाही की शुरुआत करेगा। कलकत्ता हाईकोर्ट के जज केसी कर्नन ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के कई जजों पर कथित तौर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। सात सदस्यीय संविधान पीठ बुधवार को इस मामले में सुनवाई करेगी। करीब दो हफ्ते पहले जस्टिस कर्नन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखकर यह जानना चाहा था कि न्यायपालिका में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार होने संबंधी उनके द्वारा लगाए गए आरोपों पर क्या कार्रवाई हुई। पत्र में जस्टिस कर्नन ने शरुआती तौर पर 20 भ्रष्ट जजों की सूची सौंपी थी। मद्रास हाईकोर्ट में जज रहने के दौरान भी जस्टिस कर्नन विवादों में रह चुके हैं। जस्टिस कर्नन ने सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम द्वारा किए गए तबादले पर उन्होंने खुद ही रोक लगा दी थी। इतना ही नहीं उन्होंने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस केखिलाफ भी मुकदमे की शुरुआत कर दी थी। बाद में इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट को दखल देना पड़ा था।