FDP organised on EffectiveTeaching learning and Research Writing Methodology at Innocent Hearts Group of Institutions
इंडिया न्यूज सेंटर,जालंधरः इनोसेंट हार्ट्स ग्रूप ऑफ इन्स्टिटुशन्स मे प्रभावी शिक्षण और गुणवत्ता अनुसंधान(रिसर्च पेपर्स)पत्र लिखने की कला पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। डॉ पी मणिशंकर (वाइस चॅन्सेलर, भारतीदासन विश्वविद्यालय, तिरुचिरापल्ली, तमिलनाडु) इस आयोजन के मुख्य वक्ता (रीसोर्स पर्सन) थे। इस कार्यक्रम की शुरुआत डॉ अनूप बोरी (अकादमिक सचिव, आईएच ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस) और डॉ शैलेश त्रिपाठी (ग्रुप डायरेक्टर, आईएच ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस) द्वारा डॉ पी मणिशंकर (वाइस चॅन्सेलर, भारतीदासन यूनिवर्सिटी, तिरुचिरापल्ली, तमिलनाडु) के स्वागत के साथ हुई। डॉ अनूप बोरी ने कहा कि वर्तमान भूमंडलीकृत परिदृश्य में कोई भी संस्थान शोध के बिना जीवित नहीं रह सकता है और संकाय सदस्य के मूल्य को आंकने में सबसे महत्वपूर्ण कारक शोध प्रकाशन की संख्या और गुणवत्ता है। डॉ पी मणिशंकर ने अनुसंधान के माध्यम से शिक्षा के विकास पर जोर दिया। उन्होने नए अभिनव विचारों के साथ फॅकल्टी सदस्यों को प्रबुद्ध करवाया, जिसे प्रत्येक फॅकल्टी सदस्य को कक्षा में शिक्षण प्रक्रिया को अधिक रोचक बनाने के लिए अपनाना चाहिए। छात्रों के लिए सामाजिक आउटरीच कार्यक्रमों को व्यवस्थित किया जाना चाहिए जो सामाजिक विकास मे उनके योगदान को बड़ावा दे और उन्हें भारत के बेहतर विकास के लिए भविष्य वादी दृष्टिकोण का पालन करने में सक्षम बनाए |डॉ पी मणिशंकर ने कहा कि फॅकल्टी सदस्य के मूल्यांकन का पैरामीटर प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में अनुसंधान (रिसर्च पेपर्स) प्रकाशनों की संख्या है। उन्होने फॅकल्टी सदस्यो को बताया कि समाज की छोटी समस्याओं का अध्ययन करके शोध पत्र लिखना शुरू करना चाहिए और शोध के माध्यम से समस्याओं को हल करने का प्रयास करना चाहिए, ताकि वह सब अच्छी गुणवत्ता का रीसर्च पेपर लिखने मे सक्षम बन सके । उन्होंने संकाय सदस्यों को अच्छी गुणवत्ता के शोध पत्र (रिसर्च पेपर्स) लिखने का प्रारूप (फ़ॉर्मट) भी समझाया। डॉ शैलेश त्रिपाठी ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि डॉ पी मणिशंकर ने विशेष रूप से प्रभावी शिक्षण पद्धति और शोध लेखन के प्रमुख पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया है, जो फॅकल्टी सदस्यों के लिए काफी प्रेरक है और उन्होंने आश्वासन दिया कि फॅकल्टी सदस्य इन दिशानिर्देशों का पालन करेंगे और प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में अपने पत्र (रिसर्च पेपर्स) प्रकाशित करवाएँगे ।