Unnao Rape case: Chief Justice of India angered after not receiving the letter of the victim's family
नेशनल न्यूज डेस्कः भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने उन्नाव दुष्कर्म मामले में सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार से एक सप्ताह के अंदर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। मुख्य न्यायाधीश ने उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के परिवार द्वारा उसके समक्ष 12 जुलाई को लिखे गए पत्र को पेश करने में हुई देरी को लेकर जवाब मांगा है। चीफ जस्टिस कल उन्नाव केस की सुनवाई करेंगे। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने रजिस्ट्रार से पूछा कि वह बताएं कि उन्नाव बलात्कार पीड़िता द्वारा भेजे गए पत्र (12 जुलाई को) को अदालत के सामने क्यों नहीं रखा गया। आखिर क्यों पत्र को उनके समक्ष रखने में देरी हुई। पत्र में पीड़िता ने मेडिकल रिपोर्ट भी मांगी थी। सीजेआई का कहना है कि 'इस विनाशकारी माहौल में कुछ रचनात्मक करने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने कहा कि देखते हैं हम इस पर क्या कर सकते हैं।
बता दें कि उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के साथ हुए सड़क हादसे के बाद दुष्कर्म पीड़िता का एक पत्र चर्चा में आ गया है। यह पत्र उसने 12 जुलाई 2019 को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को लिखा था। इसमें पीड़िता दुष्कर्म के आरोपी भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के समर्थकों की ओर से मिल रही धमकी का जिक्र किया गया था। साथ ही परिवार को फर्जी मामलों में फंसाने की धमकी दी गई थी। पीड़िता ने अपने पत्र में कहा कि न्याय की अंतिम कड़ी पर आप खड़े हैं। इस कांड के बाद से मेरा जीना मुश्किल हो गया है। ऊपर से हमें रोज धमकियां मिल रही हैं। धमकी देने वाले कहते है कि केस वापस लो नहीं तो फर्जी केस में परिवार वालों को जेल भिजवा देंगे। मैं ऐसे धमकियों से तंग आ गई हूं। खत में पीड़िता ने मुख्य न्यायाधीश से मांग की है कि उन्हें जल्दी से जल्दी न्याय दिया जाए।