इंडिया न्यूज सेंटर, मुंबई: भारत के जाने-माने प्रोडक्ट एमडीएच के सीईओ महाशय धरमपाल गुलाटी ने सैलरी के तौर पर पिछले वित्तीय वर्ष में 21 करोड़ रुपये की कमाई की है। इस कंपनी की 80 फीसदी हिस्सेदारी धरमपाल गुलाटी के पास है, जिन्हें आपने कई विज्ञापनों और मैगजीन कवर में पगड़ी पहने देखा होगा। उनकी कंपनी महाशियां दी हट्टी एमडीएच के नाम से ज्यादा लोकप्रिय है, ने इस साल कुल 213 करोड़ रुपए का लाभ कमाया। इस कंपनी की 80 फीसद हिस्सेदारी गुलाटी के पास है। धरमपाल गुलाटी 60 साल पहले एमडीएच शुरू किया था। उनके काम करने के पीछे यह प्रेरणा रहती है कि उपभोक्ताओं को कम से कम कीमत में अच्छी गुणवत्ता का उत्पाद मुहैया करवाया जाए। वे अपनी सैलरी का 90 फीसद हिस्सा चैरिटी में देते हैं। गुलाटी को दादा जी या महाशयजी के नाम से भी जाना जाता है। उनकी पहचान एक ऐसे मेहनती उद्यमी के तौर पर है जो फैक्टरी, बाजार और डीलर्स का नियमित दौरा करते हैं। जब तक उनको इस बात की तसल्ली नहीं मिल जाती है कि कंपनी में सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है, उन्हें चैन नहीं पड़ता है। वह रविवार को भी फैक्टरी आते हैं। 1919 में पाकिस्तान के सियालकोट में एक छोटी सी दुकान खोलने वाले चुन्नीलाल ने कभी नहीं सोचा होगा कि उनका बेटा धरमपाल इस छोटी सी दुकान को 1500 करोड़ रुपए के साम्राज्य में तब्दील कर देगा। गुलाटी के इस करोड़ों के साम्राज्य में मसाला कंपनी, करीब 20 स्कूल और एक अस्पताल शामिल है। देश के विभाजन के बाद गुलाटी दिल्ली के करोलबाग आकर बस गए थे और तब से वह भारत में 15 फैक्टरियां खोल चुके हैं जो करीब 1000 डीलरों को सप्लाई करती हैं। एमडीएच के दुबई और लंदन में में भी ऑफिस हैं। यह मसाला कंपनी लगभग 100 देशों को अपने उत्पाद निर्यात करती है। गुलाटी के बेटे कंपनी का हर कामकाज संभालते हैं, वहीं उनकी 6 बेटियां डिस्ट्रिब्यूशन का काम संभालती हैं। कंपनी अपनी सफलता का श्रेय अपनी सप्लाई चेन को देती है। कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग हो या कर्नाटक, राजस्थान से लेकर अफगानिस्तान और ईरान से मसाले मंगाने तक के लिए कंपनी की सप्लाई चेन मजबूत है।