इंडिया न्यूज सेंटर, देहरादून। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी अपने तीन दिन के दौरे पर पहुच गए है । प्रणव दा आज पहले तो देहरादून के जोलीग्रांट हवाई अड्डे पर पहुचे जंहा उनका स्वागत राज्यपाल के के पोल के साथ साथ मुख्यमंत्री हरीश रावत सहित अन्य लोगो ने किया महामहिम के साथ लगभग 70 लोगो की टीम दिल्ली से आयी है।जोलीग्रांट हवाई अड्डे से विशेष चॉपर से महामहिम को देहरादून के जीटीसी हेलीपेड पर लाया गया जिसके बाद वो अपने आशियाने में गए।
क्या किया महामहिम ने आकर ....
यहाँ मिस्टर प्रेजिडेंट ने बॉडीगार्ड्स के जीणोद्धार किए आशियाना के भवन का उदघाटन किया साथ ही राष्ट्पति के कार्यो हेतु सचिवालय की तर्ज पर ही आशियाना भवन की 12 नई यूनिट के निर्माण कार्यो का भी राष्ट्पति ने शिलान्यास किया फिर करीब 150 एकड़ में फैले आशियाना भवन का उन्होंने पूरा जायजा लिया
बिलकुल अलग है आशियाना
महामहिम ने यहाँ पर एक रुद्राक्ष के पेड़ को भी लगाया और उसके बाद भोजन किया और वो विश्राम के लिए चले गए ।महामहिम अगके तीन दिनों तक यही रहने वाले है,इस बार महामहिम अपने आशियाने में रहेंगे इस आशियाने का इतिहास बहुत खास रहा है । प्रिसिडेंट का ये आशियाना फ़िलहाल निर्माण धीन भी है निर्माण कार्यो को नई टेक्नोलॉजी से बनाए जाने वाले भवन को डिजास्टर प्रूफ बनाया जा रहा है। स्मार्ट गांव तर्ज पर भूकम्परोधी भवन का निर्माण होगा इस नई तकनीकी से भवन निर्माण काफी सस्ता और मजबूत होगा....
आशियाने का इतिहास
आशियाना भवन मूलतः राष्ट्पति के कमांडेंट के बंगले के रूप में निर्मित था जो की करीब 18 वर्ष पूर्व 1998 में यहा के0 आर नारायण अंतिम राष्ट्पति के रूप में रुके थे राष्ट्रपति के अंगरक्षकों द्वारा पहली बार वर्ष 1938 में घोडा गाड़ी हेतु ग्रीष्मकालीन शिविर देहरादून में स्थापित किया गया था कामांडेंड का बंगला 1920 में निर्मित किया गया था तत्कालीन महामहिम फरुखादिन के ग्रीष्कलीन दौरे के लिए शिमला के विकल्प के रूप में इसे 1975 में राष्ट्रपति आशियाना के रूप में पुनः निर्मित किया गया था । अब इस बंगले की पूरी तश्वीर लेकिन बदल गयी है यहाँ चारो तरफ खूबसूरत पेड़ है देहरदून मसूरी का के बीच में बने इस आशियाने के आसपास का मौसम काफी खुसनुमार रहता है।रंगबिरंगी तितलियां और चारो तरफ फलो से ढके पेड़ यहाँ की शोभा बढ़ा रहे है ।रात के समय यहाँ से मसूरी की जलती और जगमगाहट करती वादिया दिखाई देती है ।यहाँ लगी पेंटिंग दिल्ली से लायी गयी है और कहा जा रहा है कि यहाँ आने वाले समय में ऐसे भवन निर्माण होंगे जो शायद देश में पहले कभी कहीं नहीं बने है