इंडिया न्यूज़ सेंटर, हरिद्वार । राजाजी टाइगर रिजर्व की हरिद्वार रेंज में 17 वर्षीय मादा हाथी व उसके तीन वर्षीय बच्चे की हाईटेंशन लाइन की चपेट में आकर मौत हो गयी। गुरूवार देर शाम गश्त पर निकले वन कर्मियों को जब जंगल में दुर्गंध आई तब हथनी व बच्चे की मौत का पता चल सका। वनकर्मियों ने इसकी सूचना हरिद्वार रेंज के वाइल्ड लाइफ वार्डन को दी। मौके पर पहुंची टीम ने मृत हथनी व उसके बच्चे के शरीर की नापजोख की। शुक्रवार को हथनी व उसके बच्चे का पोस्टमार्टम किया जायेगा। मौके पर राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक ने भी पहुंचकर जानकारी जुटाई। बताया जा रहा है कि चार दिन पहले राजाजी टाइगर रिजर्व की हरिद्वार रेंज में जंगल के ऊपर से गुजर रही 132 केवी की हाईटेंशन लाइन की चपेट में मादा हाथी की सूंड आ गई थी। बताया गया कि उस समय वह बांस खा रही थी। जिस समय यह हादसा हुआ उस दौरान हथनी का बच्चा भी उसके पास ही था। जिसके चलते दोनों करंट की चपेट में आकर बुरी तरह से झुलस गए। करंट की चपेट में आकर झुलसी हथनी व उसका बच्चा गहरे गड्ढे में जा गिरे और उनकी मौत हो गई। गुरुवार की देरशाम जब वनकर्मी जंगल में गश्त करने पहुंचे तो उन्हें दुर्गंध आई। उन्होंने जंगल के अंदर जाकर देखा तो हथनी व उसका बच्चा गहरे गड्ढे में गिरे हुए थे। वनकर्मियों ने इसकी सूचना वाइल्ड लाइफ वार्डन कोमल सह को दी। सूचना मिलते ही वाइल्ड लाइफ वार्डन टीम के साथ मौके पर पहुंचे। मौके पर डॉ. अदिति शर्मा को हथनी व उसके बच्चे की नापझोख करने के लिए बुलाया गया। इस दौरान हरिद्वार आये हुए राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक सनातन भी मौके पर पहुंचे। शुक्रवार की सुबह उनका पोस्टमार्टम किया जायेगा। राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक सनातन ने बताया कि मादा हाथी चार दिन पहले अपने बच्चे के साथ जंगल में बांस खाने आई होगी। जिसके चलते वह ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाइन की चपेट में आकर झुलस गई। मरने के बाद भी नहीं हुए अलग राजाजी टाइगर रिजर्व की हरिद्वार रेंज में मादा हाथी व उसका बच्चा मरने के बाद भी अलग नहीं हुए। करंट की चपेट में आने के दौरान दोनों एक दूसरे से चिपकर झुलस गए और गहरे गड्ढे में एक साथ जा गिरे। करंट से झाड़ियां भी झुलसी जिस समय मादा हाथी हाईटेंशन लाइन की चपेट में आई तो उस समय भयंकर तरीके से चगारियां निकली। जिससे आसपास की झाड़ियां तक झुलस गई। साथी ही हाईटेंशन लाइन के तार भी बुरी तरह से काले पड़ गए