इंडिया न्यूज सेंटर, चंडीगढ़: जाट समुदाय की चेतावनी के बाद हरियाणा सरकार पूरी तरह से सतर्क हो गई है। 29 जनवरी से आरक्षण के आंदोलन की चेतावनी को देखते हुए अर्धसैनिक बलों ने मोर्चा संभाल लिया है। प्रदेश की सभी सीमाएं सील कर सर्च ऑपरेशन शुरू हो गए हैं। वहीं कई जिलों में धारा-144 भी लागू कर दी गई गई है। अर्धसैनिक बलों की ओर से मोर्चा संभालने के बाद शुक्रवार को कई शहरों में सुरक्षा की दृष्टि से फ्लैग मार्च भी किया गया। किसी तरह की घटना से बचने के लिए हरियाणा सरकार ने अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात कर दिया है। पिछले वर्ष हुई हिंसा में प्रभावित संवेदनशील जिलों को लेकर सरकार सबसे अधिक सतर्क है। वहीं सरकार ने सिविल तथा पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को उन संवेदनशील गांवों पर भी विशेष नजर रखने के आदेश दिए हैं, जहां से भीड़ जुटने की आशंका है। खुफिया एजेंसियों से भी सरकार पूरी रिपोर्ट ले रही है। गृह विभाग के अधिकारिक सूत्रों के अनुसार, जींद में रैपिड एक्शन फोर्स की दो कंपनियां पहुंच चुकी हैं। जबिक झज्जर में अर्धसैनिक बलों की आठ कंपनियां पहुंची हैं। झज्जर व रोहतक सहित कई शहरों में धारा-144 भी लागू कर दी गई है। जाट आरक्षण को लेकर कुछ संगठन विरोध कर रहे हैं तो कुछ वहीं कुछ इसके समर्थन में उतर आए हैं। जहां कई जाट संगठन अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष यशपाल मलिक के नेतृत्व में 29 जनवरी से शुरू आंदोलन का विरोध कर रहे हैं। कई खापों ने महापंचायत कर मलिक का विरोध किया है। वहीं रोहतक में शुक्रवार शाम 43 खापों के प्रतिनिधियों की बैठक हुई। इसमें जाट नेता यशपाल मलिक को समर्थन देने का फैसला किया गया। हरियाणा सरकार ने राज्य में 7000 होमगार्डों की तैनाती के अलावा केंद्र से अद्र्धसैनिक बलों की 55 कंपनियों की मांग की है।