इंडिया न्यूज सेंटर, मोतिहारी: कानपुर के पास इंदौर पटना एक्सप्रेस और सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस आतंकी साजिश की वजह से दुर्घटनाग्रस्त हुईं। इसके पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ सामने आया है। नेपाल और सउदी अरब में बैठे एजेंटों की मदद से आईएसआई ने इसे अंजाम दिया। मोतिहारी से तीन युवकों की गिरफ्तारी के बाद यह सनसनीखेज खुलासा हुआ है। बिहार एटीएस समेत कई एजेंसियां जांच में जुटी हैं। पूर्वी चंपारण एसपी जितेन्द्र राणा ने मंगलवार को बताया कि सीमा से पकड़े गए मोती पासवान से कई महत्वपूर्ण जानकारी हाथ लगी है। कानपुर ट्रेन हादसे में मोती सक्रिय रूप से शामिल था। इससे पहले पूर्वी चंपारण में भी उसने ट्रैक उड़ाने की साजिश रची थी। एसपी जितेंद्र राणा ने बताया कि घोड़ासहन रेलवे ट्रैक पर मिले बम के अनुसंधान के दौरान पुलिस ने मोती पासवान, मुकेश और उमाशंकर को गिरफ्तार किया गया है। मोती ने पुलिस को बताया कि घोड़ासहन में ट्रैक उड़ाने के लिए नेपाल के बृजकिशोर गिरी को 20 लाख रुपये दिए गए थे। दुबई में बैठे आईएसआई एजेंट शमशुल होदा ने यह प्लान किया था। ट्रैक उड़ाने का काम उमाशंकर के अलावा दीपक और अरुण को दिया गया था। घोड़ासहन में असफल रहने पर मोती को कानपुर में बम प्लांट करने के लिए बुलाया गया। इसके लिए उसे दो लाख रुपये मिले। कानपुर में कामयाब होने के बाद मोती इंदौर और बाद में दिल्ली गया। वहां से वह नेपाल चला गया।