` केंद्र सरकार ने कंपनियों को दी बडी राहत, कारोबारी गतिविधियों में आएगी तेजी पढें....!
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केंद्र सरकार ने कंपनियों को दी बडी राहत, कारोबारी गतिविधियों में आएगी तेजी पढें....!

Central government gives big relief to companies, corporate sector, companies act, Deposits and Debentures share via Whatsapp

Central government gives big relief to companies, corporate sector, companies act, Deposits and Debentures

न्यूज डेस्क, नई दिल्ली:
केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के कारण ठप पड़ गईं कारोबारी गतिविधियों और मांग में कमी को ध्‍यान में रखते हुए कंपनियों को राहत दे दी है। सरकार ने कंपनियों को वित्‍त वर्ष 2012 में मैच्‍योर होने वाली डिपॉजिट्स और डिबेंचर्स (Deposits and Debentures) के एक हिस्‍से को अलग अकाउंट (Dedicated Account) में रखने के लिए तीन महीने का अतिरिक्‍त समय दे दिया है। दरअसल, कंपनियों को कंपनीज एक्‍ट (Companies Act) के तहत ये राशि एक अलग खाते में रखनी ही होती है।
कंपनियों कर रहीं थीं मांग, बढ़ा दी गई अवधि
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने सर्कुलर ने कहा कि डिपॉजिट्स और डिबेंचर्स के एक हिस्‍से को अलग अकाउंट में रखने की अवधि सितंबर 2020 तक बढ़ा दी गई है। इससे पहले भी मंत्रालय ने इसकी अवधि अप्रैल 2020 से बढ़ाकर 30 जून कर दी थी। मंत्रालय की ओर से जारी नए सर्कुलर के मुताबिक, कोरोना वायरस के कारण विभिन्‍न हितधारकों की ओर से अवधि बढ़ाने की मांग की जा रही थी। इसलिए इसे सितंबर तक बढ़ाने का फैसला लिया गया।
कंपनियों को अप्रैल आखिर तक बनाना होता है डिबेंचर रिडम्‍पशन रिजर्व (DRR)
मंत्रालय के मुताबिक, बढ़ाई गई अवधि मौजूदा वित्‍त वर्ष में मैच्‍योर हो रहे डिपॉजिट्स और डिबेंचर्स के लिए समान रूप से लागू होगी। कंपनीज (शेयर कैपिटल एंड डिबेंचर्स) रूल्‍स, 2014 के मुताबिक, सभी कंपनियों को हर साल अप्रैल आखिर से पहले डिबेंचर रिडम्‍पशन रिजर्व बनाना होता है। इसमें संबंधित वित्‍त वर्ष में परिपक्‍व हो रहे डिबेंचर्स का 15 फीसदी या उससे ज्‍यादा डिपॉजिट करना होता है। ये निवेश बैंक डिपॉजिट्स या सेंट्रल व स्‍टेट गवर्नमेंट सिक्‍योरिटीज या कॉरपोरेट बॉन्‍ड्स के तौर पर हो सकता है।
डिपॉजिट के लिए शेड्यूल्‍ड बैंक में खुलवाना होता है अलग अकाउंट
कंपनियों को अपने सदस्‍यों की ओर से कराए गए डिपॉजिट पर कम से कम 20 फीसदी डिपॉजिट करना होता है। कंपनी को ये डिपॉजिट्स एक शेड्यूल्‍ड बैंक में खोले गए अलग खाते में जमा कराने होते हैं। इसे डिपॉजिट रीपेमेंट अकाउंट कहा जाता है। ये भी हर कंपनी के लिए कंपनीज एक्‍त के तहत अनिवार्य होता है। मार्च में सरकार ने कंपनियों को इस काम के लिए तीन महीने यानी जून तक का अतिरिक्‍त समय दिया था। अब कंपनियों को कुछ और राहत देते हुए इस अवधि को सितंबर तक बढ़ा दिया गया है।

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Source: INDIA NEWS CENTRE

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