इंडिया न्यूज सेंटर, चंडीगढ़ः लोकलुभावन वादों के बलबूते पर सत्ता में आई कैप्टन सरकार ने राज्य को वित्तीय संकट से उभारने के लिए जनता पर नया टैक्स लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। इस पर अंतिम मोहर पंजाब मंत्रिमंडल की 25 जुलाई को होने वाली मीटिंग में लग सकती है। अकाली सरकार के कार्यकाल दौरान सरकार के खजाने की हालत काफी खराब हो गई थी। ओवर ड्राफ्ट इस तरह बढ़ गया था कि भारतीय रिजर्व बैंक ने पंजाब सरकार के लेन-देन पर पाबंदी लगा दी थी। जिस समय यह पाबंदी लगाई गई थी उस समय कैप्टन सरकार को सत्ता में आए कुछ दिन ही हुए थे। अब कांग्रेस ने फिर सरकार के खजाने को भरने के लिए सैद्धांतिक तौर पर करीब एक हजार करोड़ रुपए के टैक्स लगाने का फैसला लिया है। बीते दिनों मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने मनप्रीत बादल की उपस्थिति में वित्त विभाग सहित एक दर्जन से अधिक विभागों के सीनियर आधिकारियों के साथ इस संबंधित मीटिंग की थी। मिली जानकारी मुताबिक मीटिंग में प्रोफैशनल टैकस लगाने का फैसला किया है। इस के साथ ही बिजली ड्यूटी दो प्रतिशत बढ़ाने को भी सैद्धांतिक अनुमति दी गई है, बिजली ड्यूटी बढ़ने साथ बिजली दरों के बढ़ने के भी आसार हैं। जिस का सीधा प्रभाव लोगों पर पड़ना संभव है। ट्रांसपोर्ट संबंधित टैक्स भी हरियाणा सरकार के पैटर्न पर वसूलने की तजवीज है, जिससे सीधे तौर पर सरकार के खजाने को लाभ पहुंचेगा। इस के अलावा अष्टाम ड्यूटी के बकाए वसूलने पर भी जोर दिया गया है। इस तरह सरकार को एक हज़ार करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद है।