CAPT AMARINDER DIRECTS FINANCE DEPT TO IMMEDIATELY RELEASE RS. 8 CR FOR PUNJAB STATE WAR HEROES' MEMORIAL & MUSEUM
इंडिया न्यूज सेंटर,चण्डीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज वित्त विभाग को पंजाब राज्य युद्ध नायक स्मारक और संग्रहालय को मुकम्मल करने के लिए बजट में स्वीकृत किया गया 8 करोड़ रुपए का अनुदान तुरंत जारी करने की हिदायत की है। मुख्यमंत्री ने आज यहाँ अपने सरकारी निवास पर युद्ध स्मारक और संग्रहालय की गवर्निंग बॉडी की मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए यह निर्देश दिए। इस उच्च दर्जे के स्मारक के चल रहे कार्यों की प्रगति का जायज़ा लेते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने संस्कृति मामले एवं पर्यटन विभाग को हिदायत की कि इस स्मारक की गैलरियों को अलग-अलग भागों के तौर पर समर्पित किया जाये जो पंजाबियों की तरफ से लड़े अलग अलग ऐतिहासिक युद्धों का प्रतिनिधित्व करते हों जिससे हमारी नौजवान पीढ़ी को उनके शानदार सैन्य पृष्ठभूमि से जोड़ा जा सके। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए अपने समृद्ध विरासत संबंधी नौजवानों को अवगत करवाना ही एक मात्र रास्ता है। उन्होंने कहा कि यह स्मारक हमारी नौजवान पीढ़ी को देशभक्ति और राष्ट्रवाद के जज़बे के प्रति प्रेरित करेगी। उन्होंने कहा कि एक सैन्य इतिहासकार होने के नाते वह ऐसे स्मृति चिन्हों की अहमीयत को अच्छी तरह समझ सकते हैं। भविष्य में इस स्मारक को वित्तीय तौर पर स्व-निर्भर बनाने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने संस्कृति एवं पर्यटन विभाग को ऐसे मौके तलाशने के लिए कहा जिससे इस विश्व स्तरीय स्मारक के रख-रखाव पर किसी किस्म का कोई प्रभाव न पड़े। उन्होंने विभाग को अंदरूनी स्थान के आसपास लाईट एंड साउंड शो शुरू करने के लिए एक विस्तृत प्रस्ताव सौंपने के लिए कहा जो वाघा में होने वाले शाम के समागम को देखने के बाद वापिस लौटते सैलानियों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र बनेगा। मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री को बताया गया कि पुल की क्षमता 400 -500 व्यक्तियों की है और संग्रहालय की दीवारों को सक्रीनों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इस प्राजैक्ट को सार्वजनिक-निजी साझेदारी के द्वारा अमल में लाया जायेगा जिसपर अनुमानित 10 से 12 करोड़ रुपए ख़र्च होंगे। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पर्यटन विभाग को प्रमुख सचिव वित्त की तरफ से सैलानियों के लिए विशेष तौर पर एक समर्पित कार्ड शुरू करने के लिए रखे प्रस्ताव पर गौर करने के लिए कहा जिससे सैलानियों को सभी ऐतिहासिक स्थानों को बिना किसी कठिनाई से देखने का मौका हासिल होगा। उन्होंने कहा कि देश-विदेश से रोज़मर्रा की लाखों की संख्या में श्रद्धालू श्री हरिमंदिर साहिब जी में नतमस्तक होने के लिए अमृतसर आते हैं जिनकी ऐतिहासिक और संस्कृतिक तौर पर महत्ता रखते स्थानों पर जाने की भी इच्छा होती है। विचार-विमर्श में हिस्सा लेते हुए मुख्यमंत्री के वरिष्ठ सलाहकार लैफ्टिनैंट जनरल (सेवा मुक्त) टी.एस. शेरगिल्ल ने सुझाव दिया कि सैलानियों को युद्ध स्मारक और संग्रहालय के प्रति आकर्षित करने के लिए इसको कैफेटेरिया, सोवीनर शौप, फूड कोर्ट जैसी सहूलतों के साथ विकसित करना चाहिए। मीटिंग में मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल, मुख्य सचिव करण अवतार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह, प्रमुख सचिव वित्त अनिरुद्ध तिवाड़ी, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृतिक मामले विकास प्रताप, मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव गुरकिरत कृपाल सिंह, डायरैक्टर रक्षा सेवाएं कल्याण ब्रिगेडियर (सेवा मुक्त) जे.एस. अरोड़ा और युद्ध स्मारक और संग्रहालय के जनरल मैनेजर लैफ्टिनैंट कर्नल (सेवा मुक्त) एच.पी. सिंह उपस्थित थे।