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न्यूज़ डेस्क, चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दलित स्कॉलरशिप स्कैम केस में गहन जांच के आदेश दिए हैं। शनिवार को उन्होंने मुख्य सचिव विनी महाजन से कहा है कि कई करोड़ के कथित अनुसूचित जाति छात्रवृत्ति घोटाले की वह गहराई में जाकर जांच करें, जिसमें कहा जा रहा है कि एक कैबिनेट मंत्री भी लिप्त हैं।
सीएम ने अपने बयान में बिल्कुल साफ कर दिया कहा कि कथित छात्रवृत्ति घोटाले में जिस किसी की भी मिलीभगत पाई गई, उसे बख्शा नहीं जाएगा। विपक्ष ने मामले में कथित भूमिका के लिए कैबिनेट मंत्री साधु सिंह धर्मसोत के इस्तीफे की मांग की है जिसके बीच मुख्यमंत्री का यह बयान सामने आया है
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मुख्य सचिव विनी महाजन मामले के सभी पहलुओं पर गौर करेंगी और इसमें जो भी संलिप्त पाया जाएगा, वह चाहे सरकार के अंदर या बाहर किसी भी पद पर हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा और कानूनी प्रावधानों के मुताबिक उसे दंडित किया जाएगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कानून अपना काम करेगा।’’
“एडिश्नल चीफ सेक्रेट्री द्वारा जमा की गई स्पेश रिपोर्ट को तथ्यों की जांच के लिए चीफ सेक्रेट्री के पास भेज दिया गया है। चीफ सेक्रेट्री से भी कहा गया है कि वह इस मामले में उचित कार्रवाई का सुझाव दें। आगामी दिनों में उनकी ओर से जवाब आ सकता है।” दरअसल, मीडिया में खबर आई थी कि अतिरिक्त मुख्य सचिव की जांच में मैट्रिक के बाद मिलने वाली अजा छात्रवृत्ति योजना में 55.71 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। खबर में सामाजिक न्याय मंत्री धर्मसोत पर भी सवाल उठाए गए कि वह घोटाले में शामिल लोगों को कथित तौर पर बचा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने धर्मसोत का इस्तीफा मांगने के लिए कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा पर भी प्रहार किया।
क्या कहती है रिपोर्ट...?
54 पन्नों की रिपोर्ट में प्रिंसिपल सेक्रेट्री ने अपने मंत्री को विभाग से हासिल फंड्स के कथित तौर पर गबन करने के तरीके के बारे में बताया है। साथ ही प्राइवेट कॉलेजों को अनुचित लाभ देने का ब्यौरा भी दिया है। ‘द प्रिंट’ ने इसी रिपोर्ट के हवाले से बताया कि पंजाब में सामाजिक न्याय निदेशालय ने फरवरी और मार्च 2019 के बीच कॉलेजों के बीच वितरण के लिए केंद्र से 303 करोड़ रुपये हासिल किए थे। विभाग ने डिस्बर्सल के लिए 248 करोड़ रुपये वापस ले लिए, जबकि इसमें से 39 करोड़ रुपये से संबंधित रिकॉर्ड गायब है। रिपोर्ट में आगे कहा गया, “या तो इस रकम कुछ संस्थानों को दे दी गई या फिर इसका गबन कर लिया गया।”