CAPT AMARINDER TRASHES BJP LEADERSHIP’S CRITICISM OF HOSHIARPUR RAPE-MURDER CASE AS POLITICAL PUFFERY
· SAYS NO COMPARISON WITH HATHRAS CASE, WHERE U.P. GOVT & POLICE TRIED TO COVER UP CASE TO PROTECT UPPER CASTE ACCUSED
· FLAYS SITHARAMAN’S & JAVADEKAR’S ‘PICNIC TOUR BY GANDHIS’ REMARK, SAYS IT SHOWS BJP’S ANTI-DALIT & ANTI-WOMAN MINDSET
होशियारपुर मामले की हाथरस घटना के साथ कोई तुलना नहीं, यू.पी. सरकार और पुलिस ने ऊँची जाति के दोषीयों को बचाने के लिए हाथरस मामले को दबाने के यत्न किए
सीतारमण और जावड़ेकर द्वारा राहुल गांधी और प्रियंका गांधी संबंधी ‘पिकनिक टूर’ कि की गई टिप्पणी की निंदा,यह भाजपा की दलित और महिला विरोधी मानसिकता को दर्शाता हैः मुख्यमंत्री
इंडिया न्यूज सेंटर,चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने भारतीय जनता पार्टी की सीनियर लीडरशिप द्वारा होशियारपुर जिले में घटित बलात्कार और कत्ल के मामले में उनकी सरकार तथा राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर किये हमले की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने केंद्रीय मंत्रियों निर्मला सीतारमण और प्रकाश जावड़ेकर की टिप्पणियों को राजनैतिक शोशेबाजी करार देते हुए कहा कि इन दोनों मंत्रियों की आलोचना का कोई आधार नहीं बनता।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि इन नेताओं की तरफ से किये दावों के उलट होशियारपुर और हाथरस की घटनाओं के बीच कोई तुलना नहीं है। उन्होंने कहा कि हाथरस घटना में उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस न सिफऱ् सख़्त कार्यवाही को अंजाम देने में नाकाम रही बल्कि इस गंभीर मामले पर मिट्टी डालने की कोशिश करती है जिससे ऊँची जाति के साथ जुड़े दोषी सजा से बच सकें। उन्होंने कहा कि इसके बिल्कुल उलट पंजाब पुलिस ने तुरंत कार्यवाही करते हुए दोषियों को हिरासत में लिया और एक हफ़्ते में चालान पेश करने की तैयारी की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने डी.जी.पी. को यह यकीनी बनाने के हुक्म दिए हैं कि अदालतों द्वारा फास्ट ट्रैक के आधार पर केस की सुनवाई की जाये जिससे दोषियों के खि़लाफ़ सख़्त और मिसाली कार्यवाही यकीनी बनाई जा सके।
भाजापा नेताओं द्वारा होशियारपुर केस में कांग्रेस लीडरशिप की तथाकथित चुप्पी की आलचोना का मज़ाक उड़ाते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी हाथरस केस में विरोध करने और बोलने के लिए मजबूर हुई क्योंकि वहाँ से सरकार दलित लडक़ी को न्याय देने में नाकाम रही।
उन्होंने कहा कि यदि यू.पी. में भाजपा सरकार ने पंजाब की तरह तुरंत और सख़्त कार्यवाही की होती तो न तो कांग्रेस और राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को और न ही ग़ैर-सरकारी संस्थाओं, वकीलों और मानव अधिकार कार्यकर्ताओं को पीडि़त को इन्साफ दिलाने के लिए सडक़ों पर उतरना पड़ता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीतारमण द्वारा राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के खि़लाफ़ ‘चयनात्मक राजनीति और चयनात्मक रोष’ के लगाऐ दोष वास्तव में भाजपा पर पूरी तरह ठीक बैठते हैं। भाजपा की तरफ से होशियारपुर घटना सम्बन्धी राजनैतिक तौर पर प्रेरित प्रतिक्रिया ज़ाहिर करने की सख़्त आलोचना करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि हाथरस केस में उत्तर प्रदेश सरकार और पुलिस की ज्यादतियों के रोष में किसी भाजपा नेता ने जुबान नहीं खोली जबकि उस समय समूचा मुल्क रोष प्रकट कर रहा था। सीतारमण और जावड़ेकर द्वारा गांधी और अन्य कांग्रेसी नेताओं के हाथरस दौरे को ‘पिकनिक टूर’ करार देने की की टिप्पणी पर हैरानी ज़ाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे भाजपा की दलित विरोधी और महिला विरोधी मानसिकता प्रकट होती है। उन्होंने कहा कि हाथरस में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने यू.पी. पुलिस की लाठियों का सामना किया और पीडि़त परिवार को मिलने के लिए पहुँचने की कोशिश करते हुए मीलों तक चलकर गए और पीडि़त परिवार के सदस्य गांधी बहन-भाई के कंधों पर सिर रखकर रोए।
उन्होंने कहा कि यदि भाजपा ने हाथरस में परिवार को न्याय देने को यकीनी बनाने के लिए यू.पी. सरकार पर दबाव डालने के लिए ऐसे यत्न किये होते तो कांग्रेस को यह जि़म्मेदारी निभाने के लिए मजबूर न होना पड़ता।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आगे कहा कि होशियारपुर घटना के उलट हाथरस मामले में और उसके बाद पीडि़त के मृत शरीर का आधी रात को संस्कार कर देने सहित की घटी घटनाएँ भाजपा के नेतृत्व वाले राज्य उत्तर प्रदेश में दलितों पर किए जा रहे ज़ुल्मों की दास्तान का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र आंकड़े दिखाते हैं कि यू.पी. में दलितों और अनुसूचित जातियों के विरुद्ध अपराध बढ़ते जा रहे हैं और पीडि़तों का साथ भी कोई नहीं दे रहा जो ख़ौफ़ के माहौल में जि़ंदगी बसर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दलित उत्तर प्रदेश को छोडक़र भाग रहे हैं जबकि पंजाब में जहाँ मुल्क में सबसे अधिक दलित आबादी है, दलित समुदाय सुरक्षित महसूस करता है और उनका ख़्याल रखा जाता है।