इंडिया न्यूज सेंटर, लखनऊ। समाजवादी पार्टी में दोबारा आने के कुछ महीनों के भीतर ही अमर सिंह फिर विवादों में हैं. समाजवादी पार्टी के कई लोगों अखिलेश और उनके चाचा शिवपाल में रार की असली वजह अमर सिंह ही हैं. विवाद के चलते मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने पिता व पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव और चाचा शिवपाल यादव के खिलाफ खड़े हो गए हैं. अगले साल के आरंभ में राज्य में चुनाव हैं और इससे पहले ही यह कलह सामने आ गई है. बिना किसी का नाम लिए 43 वर्षीय अखिलेश यादव ने कहा है, अगर बाहरी लोग परिवार में दखल देते रहे तो कैसे काम चलेगा. पार्टी के कई लोगों का मानना है कि अमर सिंह, जो अखिलेश यादव को अपने बेटे के समान कहते हैं, शिवपाल यादव के साथ मिलकर मुलायम सिंह यादव को अखिलेश के खिलाफ करने में लगे हुए हैं. शिवपाल यादव ने एक बयान में कहा कि जब सब साथ होते हैं तब संस्थान मजबूत रहता है. उन्हों ने लखनऊ में कहा कि सब लोगों को नेताजी का जो भी आदेश होगा उसे मानना है. नेताजी जो भी जिम्मेमदारी देंगे, वह सभी को निभानी है. वर्ष 2011 में मैं प्रदेश अध्यएक्ष था, तब भी इसी तरह मुझे इस जिम्मेभदारी से हटाकर अखिलेश को पदभार दिया गया था. नेताजी ने तो सोच समझकर ही बनाया होगा. अंतिम फैसला उन्हींद का होगा. अमर सिंह पर आरोप है कि उन्होंने अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश के समाजवादी पार्टी प्रमुख के पद से हटवाने में अहम भूमिका निभाई. यह जिम्मेदारी शिवपाल यादव को दी गई थी. इस बात से नाराज अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव के पास से सभी महत्वपूर्ण मंत्रालय छीन लिए थे. ऐसा माना जाता है कि अखिलेश यादव ने अमर सिंह के करीबी नौकरशाह मुख्य सचिव दीपक सिंघल को पद से हटा दिया था. कहा जा रहा है कि सिंह ने सिंघल को वापस पद पर लाने के लिए विरोधी पक्षों को एक किया था. पार्टी के कई वरिष्ठ नेता इस पूरे मामले में अखिलेश यादव के साथ आ गए हैं और सभी के सभी अमर सिंह से नाराज हैं.