लंदन: डीएनए में मौजूद अनुवांशिक कोड के ऊपरी हिस्से में दूसरी तरह की जानकारियां भी मौजूद होती हैं। वैज्ञानिकों के हालिया अध्ययन से इस संबंध में लंबे समय से चली आ रही सोच की पुष्टि हो गई है। इसने प्रमाणित कर दिया है कि डीएनए के आंकड़ों में अनुवांशिक सूचना के अलावा इस बात का भी पता चलता है कि हम लोग कौन हैं? नीदरलैंड के लीडेन इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिक्स के अनुसंधानकर्ताओं ने इस बात को प्रमाणित किया है। लीडेन के वैज्ञानिक हेल्मुट सिशेल और उनके समूह ने कई कृत्रिम डीएनए विकसित किए और 2 स्तरों पर संबंध देखा। जेम्स वॉटसन और फ्रांसिस क्रिक ने जब 1953 में डीएनए अणुओं की संरचना के बारे में बताया था कि डीएनए से ये पता चलता है कि हम कौन हैं? इस अध्ययन का प्रकाशन पीएलओएस वन जर्नल में किया गया है।