इंडिया न्यूज सेंटर, चंडीगढ़: दुर्गा का मतलब जीवन के दुख को हटाने वाली होता है। संपूर्ण ब्रह्माण्ड का संचालन करने वाली जो शक्ति है उस शक्ति को शास्त्रों ने आद्य शक्ति की संज्ञा दी है। नवरात्र इसी आद्य शक्ति के पूजन का पर्व है। इस समय हम मां दुर्गा के विभिन्न रूपों का पूजन करते हैं और इस अर्थ में शक्ति की उपासना करते हैं। सर्वप्रथम श्रीरामचंद्रजी ने इस नवरात्र पूजा का प्रारंभ समुद्र तट पर किया था और उसके बाद दसवें दिन लंका विजय के लिए प्रस्थान किया और विजय प्राप्त की। नवरात्र या नौरात्रि के दो अर्थ हैं- नौ रात या नौ रातें। जिस प्रकार रात्रि हमें विश्राम देती है और हमारे शरीर में ऊर्जा का संचार करती है। ठीक उसी प्रकार नवरात्र की नौ रातें हमारे शरीर में अतिरिक्त शक्ति व ऊर्जा का संचार करती हैं क्योंकि ये रातें अति सूक्ष्म ऊर्जा से परिपूर्ण होती हैं। अत: इनका उपयोग कर हम अपने अंदर भी नई ऊर्जाओं का पुन: संचरण कर जीवन में अधिकाधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।