इंडिया न्यूज सेंटर, नई दिल्ली: हिंदू धर्म एक ऐसा धर्म है यहां भगवान की पूजा मूर्ति रूप में की जाती है लेकिन देवाधिदेव शिव की पूजा मूर्ति और शिवलिंग के रूप में होती है। यह परंपरा सदियों पुरानी है, जिसका विस्तार से उल्लेख 18 पुराणों में से एक लिंगपुराण में मिलता है। लिंगपुराण के अनुसार, ब्रह्माजी ने देव शिल्पी विश्वकर्मा को सभी देवताओं के लिए अलग-अलग शिवलिंग का निर्माण करने को कहा। तब विश्वकर्मा ने अलग-अलग शिवलिंग बना कर देवताओं को प्रदान किए। ये किसी रहस्य से कम नहीं।
1. सभी देवियों को बालू से बने शिवलिंग दिए गए।
2. दैत्यों और राक्षसों को लोहे से बने शिवलिंग दिए गए।
3. भगवान विष्णु के लिए नीलकान्तमणि शिवलिंग बनाया गया।
4. कुबेर के पुत्र विश्रवा के लिए सोने का शिवलिंग बनाया गया।
5. देवी लक्ष्मी ने लक्ष्मीवृक्ष (बेल) से बने शिवलिंग की पूजा की।
6. इन्द्रलोक के सभी देवताओं के लिए चांदी के शिवलिंग बनाए गए।
7. देवी सरस्वती को रत्नों से बने और रुद्रों को जल से बने शिवलिंग दिए गए।
8. वायु देव को पीतल से बने और भगवान वरुण को स्फटिक से बने शिवलिंग दिए गए।
9. आदित्यों को तांबे और अश्विनीकुमारों को मिट्टी से निर्मित शिवलिंग प्रदान किए गए।