इंडिया न्यूज सेंटर, जयपुर: हमारी सांस जब तक चलती रहेगी, तब तक हम जिंदा रहेंगे। जब हम खुश या दुखी होते हैं या फिर डरे हुए होते हैं तो ये सांस ही हैं जो हमारे शरीर को शक्तिशाली बनाकर हमें उस मौजूद परिस्थितियों में जीवंत बनाए रखती हैं। इसके लिए जरूरी है नियमित रूप से प्राणायाम करना यह योग की ही एक विद्या है। यदि आप रोज सुबह प्राणायाम करते हैं तो जिंदगी को जिंदादिली से जी सकते हैं।
1. सांस लेना एक स्वत: संचालित क्रिया है। यह हमारे शरीर को जीवित रखने में अहम भूमिका निभाती है। योग में हम इसे प्राणायाम करके हुए नियंत्रित कर सकते हैं। ताकि हमारी सांस लंबे समय तक यूं ही अनैच्छिक क्रिया के जरिए जीवंत बनी रहे।
2. सांस हमारे मनोभावों को केंद्रित रखती है। यदि आप स्वस्थ वायु में स्वस्थ ऑक्सीजन सांस के जरिए शरीर में समाहित करते हैं तो आपका व्यवहार औरों की अपेक्षा काफी सकारात्मक होगा।
3. मुंह खाना खाने के लिए और नाक सांस लेने के लिए होती है लेकिन कुछ लोग मुंह से भी सांस लेते हैं यह गलत है। योग की एक विद्या प्राणायाम के जरिए आप इस आदत पर काबू पा सकते हैं।
4. जब हम सांस लेते हैं तो बायें नथुने का उपयोग अमूमन करते हैं लेकिन हमें दोनों नथुनों से ही सांस लेना चाहिए। यह संभव है। आप प्राणायाम के जरिए इस समस्या से निजात हासिल कर सकते हैं।
5. सांस हमेशा धीमी तरीके से लेनी चाहिए क्योंकि जब हम सांस तेजी से लेते हैं, तो अनावश्यक तत्व हमारे शरीर में सांस के जरिए पहुंच जाते हैं। धीमे सांस लेने से ऑक्सीजन और कार्बन-डाय-ऑक्साइड का संतुलन शरीर में बना रहता है।
6. गौर करने वाली बात यह है कि जब हम सुस्त होते हैं तो एक मिनट में 12 बार सांस लेते हैं वहीं दौड़ते समय या तेजी से काम करते समय, तनाव में, दुख में यह सांस लेने की गति बढ़ जाती है।
7. यदि आप नियमित प्राणायाम करते हैं तो सांसों को ऐसे भाव आने पर हम संयमित कर सकते हैं।