इंडिया न्यूज सेंटर, जालंधर: दिवाली के एक दिन पहले छोटी दिवाली मनाने की परंपरा है। इस दिन घर के बाहर देर रात में दीप निकाल कर रखा जाता है। ज्योतिष के अनुसार नरक चतुर्दशी को ही छोटी दिवाली कहते हैं। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को नरक चतुर्दशी, यम चतुर्दशी या फिर रूप चतुर्दशी कहते हैं। इस दिन यमराज की पूजा करने और उनके लिए व्रत करने का विधान है। माना जाता है कि महाबली हनुमान का जन्म इसी दिन हुआ था। इसीलिए आज बजरंगबली की भी विशेष पूजा की जाती है। नरक चतुर्दशी के दिन अपने घर की सफाई जरूर करनी चाहिए। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी नरक चौदस, रूप चतुर्दशी अथवा छोटी दीवाली के रूप में मनाई जाती है।
दीपदान:- देवताओं का पूजन करके शाम के समय यमराज को दीपदान करने का विधान है। नरक चतुर्दशी पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा भी करनी चाहिए, क्योंकि इसी दिन उन्होंने नरकासुर का वध किया था। इस दिन जो भी व्यक्ति विधिपूर्वक भगवान श्रीकृष्ण का पूजन करता है, उसके मन के सारे पाप दूर हो जाते हैं और अंत में उसे वैकुंठ में स्थान मिलता है। इस दिन घर की सफाई की जाती है घर से टूटा-फूटा सामान फेंक देना चाहिए। इस दिन सायं चार बत्ती वाला मिट्टी का दीपक पूर्व दिशा में अपना मुख करके घर के मुख्य द्वार पर रखें और नए पीले रंग के वस्त्र पहन कर यम का पूजन करें।
शुभ मुहूर्त:- शाम 5:40 से 6:55 बजे तक (दीपदान के लिए)