` खराब भोजन मामले की वीडियो पर PMO ने गृह मंत्रालय से मांगी रिपोर्ट

खराब भोजन मामले की वीडियो पर PMO ने गृह मंत्रालय से मांगी रिपोर्ट

In the worst case of food caught by BSF played down, from the young to the Home Ministry seeks report on video PMO share via Whatsapp

इंडिया न्यूज सेंटर, नई दिल्‍ली : बीएसएफ जवान तेज बहादुर के वीडियो मामले में पीएमओ ने अब गृह मंत्रालय से रिपोर्ट मांगी है। सूत्रों के अनुसार, पीएमओ ने गृह मंत्रालय से इस मामले की पूरी रिपोर्ट मांगी है। बता दें कि बीएसएफ जवान ने बीते दिनों खराब खाने की आपूर्ति को लेकर एक वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्‍ट किया था, जिसके बाद इस मामले ने काफी तूल पकड़ लिया। जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर तैनात बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव ने वीडियो में आरोप लगाया है कि जवानों को घटिया खाना खिलाया जाता है और कई बार उन्हें ‘खाली पेट’ रहना पड़ता है।
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को इस वीडियो का संज्ञान लिया था और इस घटना के सिलसिले में उपयुक्त कार्रवाई करने का आदेश दिया था। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) से इस जवान के इस दावे से जुड़े मामले में रिपोर्ट मांगी थी कि नियंत्रण रेखा पर सैनिकों को घटिया खाना खिलाया जाता है। सोशल मीडिया पर इस जवान के पोस्ट करने के बाद प्रशासन ने आरोपों की जांच का निर्देश दिया। अधिकारियों के अनुसार, बीएसएफ मुख्यालय इस मामले में गृह मंत्रालय को पहले ही प्राथमिक रिपोर्ट दे चुका है।
वहीं, जवानों को खराब भोजन मुहैया कराए जाने के एक जवान के आरोप पर सीमा सुरक्षा बल ने बुधवार को गृह मंत्रालय को एक अन्य रिपोर्ट सौंपी। इसमें कहा गया कि वीडियो में दिखाई गई दाल डिब्बाबंद खाद्य रसद से निकाली गयी थी तथा उंचाई वाले स्थलों के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए यूनिट मैस में परांठा बनाया गया था। बीएसएफ के महानिदेशक केके शर्मा ने केन्द्रीय गृह मंत्रालय को स्वयं यह अंतरिम रिपोर्ट सौंपी। उन्होंने गृह सचिव राजीव महर्षि को सूचित किया कि बल के पश्चिमी मोर्चा कमांडर (अतिरिक्त डीजी) तथा एक डाइटीशियन को जम्मू कश्मीर की उस सीमा चौकी पर विस्तृत जांच के लिए भेजा गया जहां जवान तेज बहादुर यादव तैनात था।
इस बीच, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि सरकार ने सीमा की प्रत्येक चौकी पर विशेषज्ञों एवं डाइटीशियनों को भेजा है ताकि नियमों के मुताबित जवानों के लिए भोजन गुणवत्ता सुनिश्चत हो सके। अधिकारियों ने बताया कि रिपोर्ट में भोजन बनाने और उसकी स्वच्छ ढंग से आपूर्ति तथा स्थापित नियमों के अनुसार निर्धारित गुणवत्ता को लेकर कुछ कमियां पाई गई। अधिकारियों ने कहा कि रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख है कि कि यादव द्वारा वीडियो में दिखाई दाल राजौरी की सीमा चौकी पर भेजे गये डिब्बाबंद भोजन रसद आपूर्ति से डिब्बा खोलकर निकाली गई थी। रिपोर्ट में कहा गया कि इस दाल में मसाले या जीरा नहीं दिखा था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दाल एवं रोटी के नियमित दोपहर एवं रात्रि भोजन के अलावा यूनिट मैस में कुछ अवसरों पर मछली सालन बनता है। यह बात यादव द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो में भी देखी जा सकती है। अधिकारियों ने बताया कि नियंत्रण रेखा की उक्त चौकी पर रसद सेना द्वारा उपलब्ध कराई जाती है और बीएसएफ के संबंधित जवान उसे पकाते हैं।
बता दें कि जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर तैनात बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव ने आरोप लगाया है कि जवानों को घटिया खाना खिलाया जाता है और कई बार उन्हें ‘खाली पेट’ रहना पड़ता है। बीएसएफ ने आरोप की जांच शुरू कर दी है। सोशल मीडिया मंच पर अपलोड किए गए वीडियो में वर्दी में और राइफल लिए इस जवान ने दावा किया है कि सरकार उनके लिए जरूरी चीजें खरीदती हैं लेकिन उच्च अधिकारी उसे ‘अवैध तरीके से बाजार में बेच देते हैं।’ चार मिनट से अधिक के तीन अलग अलग वीडियो में बीएसएफ की 29 वीं बटालियन के कांस्टेबल टीबी यादव ने वह खाना भी दिखाया है जो उन्हें कथित तौर पर खिलाया जाता है। यादव ने आरोप लगाया कि हमें नाश्ता में बस परांठा और चाय मिलती है और वह भी बिना अचार या सब्जी के। हम 11 घंटे ड्यूटी करते हैं, और कई बार हमें पूरी ड्यूटी के दौरान खड़ा रहना पड़ता है। भोजन में हमें दाल रोटी मिलती है और दाल में बस हल्दी और नमक होते हैं। यह है खाने की गुणवत्ता जो हमें मिलती है। (ऐसे में) कोई जवान कैसे अपनी ड्यूटी कर सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि मैं प्रधानमंत्री से इसकी जांच कराने का अनुरोध करता हूं। कोई हमारी पीड़ा नहीं दिखाता।

In the worst case of food caught by BSF played down, from the young to the Home Ministry seeks report on video PMO

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Source: INDIA NEWS CENTRE

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