Good news: Scientists of the country made a corona armor ELISA kit in a month
नेशनल न्यूज डेस्कः कोरोना वायरस की जांच के लिए देश के वैज्ञानिकों ने महज एक महीने में ही एलाइजा किट बना दी है जिसे अब सरकार ने कोविड कवच एलाइजा का नाम दिया है। इस किट का इस्तेमाल एंटीबॉडी जांच में किया जा सकता है। करीब ढाई घंटे में इससे 90 सैंपल की जांच की जा सकती है। अभी मुंबई में दो जगहों पर इसका ट्रायल हो चुका है। अब इस किट का ज्यादा से ज्यादा निर्माण कराने के लिए दवा कंपनी जायडस से करार किया गया है। जानकारी के अनुसार पुणे स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी (एनआईवी) के वैज्ञानिकों ने इस एंटीबॉडी जांच किट को तैयार किया है। इससे पहले यहां के वैज्ञानिकों को कोरोना वायरस को आइसोलेट करने में कामयाबी भी मिल चुकी है। चूंकि अभी तक आरटी पीसीआर के जरिए ही कोरोना वायरस का पता चल रहा है। इस जांच में करीब 2 से तीन घंटे का वक्त लगता है। ऐसे में सर्विलांस के लिए भारतीय वैज्ञानिक एक किट को बनाने में जुटे हुए थे। इस किट के जरिए जिला स्तर पर बड़ी आसानी के साथ संक्रमण की स्थिति का पता लगाया जा सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार यह किट काफी सस्ती भी पड़ेगी। हालांकि अभी इसकी कीमत तय नहीं हुई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना वायरस के सर्विलांस को लेकर यह किट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली है। उन्होंने इस कामयाबी के लिए एनआईवी और आईसीएमआर की टीम को बधाई भी दी है। इस किट की मदद से कोरोना वायरस के संक्रमण की घनी आबादी में वास्तविक स्थिति पता करने में आसानी होगी। दरअसल एंटीबॉडी रैपिड जांच किट्स को लेकर कुछ समय पहले भी चीन की कंपनियों को लेकर एक विवाद सामने आया था। जब चीन की दो कंपनियों से आईं किट की पहली खेप पर गुणवत्ता को लेकर सवाल उठने लगे थे। इसके बाद केंद्र सरकार ने एंटीबॉडी जांच पर रोक लगा दी थी। एनआईवी पुणे की ओर से कोविड कवच एलाइजा किट का निर्माण होने के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही यह किट राज्यों को उपलब्ध हो सकेगी, जिसके आधार पर यह भी पता चल सकेगा कि भारत में कोरोना वायरस का सामुदायिक फैलाव अब तक हुआ है या नहीं?