` गाजियाबाद के सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री में आज आएगा हाईकोर्ट का फैसला

गाजियाबाद के सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री में आज आएगा हाईकोर्ट का फैसला

Arushi Hemraj Murder Case From Allahabad High Court On Fate Of Talwars share via Whatsapp

अशफाक अहमद खाॅ,लखनऊः नोएडा के चर्चित आरुषि-हेमराज हत्य़ाकांड के केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट वीरवार को अपना फैसला सुनाएगा। यह फैसला इस मर्डर केस में दोषी करार दिए गए तलवार दंपत्ति द्वारा उम्र कैद की सजा के खिलाफ दाखिल अर्जी पर सुनाया जाएगा। अदालत का फैसला दोपहर बाद तक आने की संभावना है। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने इस मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद सात सितम्बर को अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया था। हालांकि अदालत इससे पहले 11 जनवरी को भी जजमेंट रिजर्व कर चुकी थी, लेकिन फैसला सुरक्षित होने के बाद कोर्ट ने अगस्त व सितम्बर महीने में फिर से सुनवाई की थी। ख़ास बात यह है कि देश की इस सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री में तलवार दंपत्ति ने इससे पहले भी कई बार हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन उन्हें यहां से कभी राहत नहीं मिली है। ऐसे में देखना यह होगा कि अदालत आने वाले फैसले में तलवार दंपत्ति को इस केस से बरी कर उनकी सजा को रद्द करती है, या उसे कम करती है या फिर उम्र कैद की सजा को बरकरार रखती है। तलवार दंपत्ति के लिए सजा रद्द होने या कम होने से ज़्यादा अहम यह होगा कि बेटी के क़त्ल का जो दाग उनके दामन पर लगा है, उससे उन्हें छुटकारा मिलेगा या नहीं।

फ्लैश बैक----
गाजियाबाद की स्पेशल सीबीआई ट्रायल कोर्ट ने नवम्बर 2013 में आरुषि के पिता डा० राजेश तलवार और माँ डा० नूपुर तलवार को दोषी करार देते हुए उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई थी। इसी सजा के खिलाफ तलवार दंपत्ति ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जस्टिस बीके नारायण और जस्टिस एके मिश्र की डिवीजन बेंच में हुई सुनवाई के दौरान तलवार दंपत्ति के वकीलों ने जहाँ सीधे तौर पर हत्या का कोई सबूत और गवाह नहीं होने की वजह से ट्रायल कोर्ट से मिली उम्र कैद की सजा को रदद किये जाने की अपील की, वहीं सीबीआई ने परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर उम्र कैद की सजा को बरकरार रखने की दलील पेश की। उम्र कैद की सजा सुनाए जाने के बाद से ही तलवार दंपत्ति गाजियाबाद की डासना जेल में बंद हैं। दोनों की जमानत अर्जी ट्रायल कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक खारिज हो चुकी है। हालांकि इलाहाबाद हाईकोर्ट दो बार नूपुर तलवार को कुछ हफ़्तों की पैरोल दे चुका है। गौरतलब है कि नोएडा के जलवायु विहार में रहने वाले डा० राजेश और नूपुर तलवार की चौदह साल की बेटी आरुषि तलवार का क़त्ल सोलह मई साल 2008 को घर में ही कर दिया गया था। अगले दिन घर के नौकर हेमराज की लाश भी अपार्टमेंट की छत पर पाई गई। वारदात के वक्त घर का दरवाजा अंदर से बंद था और किसी के अंदर दाखिल होने के कोई निशान नहीं मिले थे। तलवार दंपत्ति इस दौरान घर में ही थे। इस डबल मर्डर केस की जांच पहले यूपी पुलिस ने की। बाद में मामला सीबीआई को सौंप दिया गया। देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई ने इस मामले में कोई सबूत और गवाह न होने की वजह से ट्रायल कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी। हालांकि ट्रायल कोर्ट ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज करते हुए तलवार दंपत्ति को तलब कर लिया था और मुक़दमे का ट्रायल करने का फैसला किया था। सीबीआई की ट्रायल कोर्ट ने नवम्बर 2013 में इस मामले में तलवार दंपत्ति को दोषी करार देते हुए दोनों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। तलवार दंपत्ति ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी,

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Source: INDIA NEWS CENTRE

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