इंडिया न्यूज सेंटर, नई दिल्ली: भारत अब सक्रिय रूप से वियतनाम के साथ देश में विकसित आकाश सतह मिसाइल प्रणाली की संभावित बिक्री पर विचार कर रहा है। जानकारी के अनुसार वियतनाम भी इन आकाश मिसाइलों के अधिग्रहण को लेकर गंभीर है और गहरी दिलचस्पी ले रहा है। दोनों देश तेजी से अपने द्विपक्षीय सैन्य संबंधों को बढ़ाने की ओर अग्रसर हैं। दोनों देशों के बढ़ते सैन्य संबधों से चीन चिंतित है और इस पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए है। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का कहना है कि वियतनाम भारत का एक गहरा मित्र है। उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए दोनों देश प्रतिबद्ध नजर आ रहे हैं। यहां उल्लेख कर दें कि चीन लगातार भारत के 48 सदस्यों वाले एनएसजी सदस्यता के प्रयास को ठेस पहुंचाता आ रहा है। इसके अलावा आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना और पठानकोट हमले के साजिशकर्ता मसूद अजहर का नाम सुरक्षा परिषद के संकल्प 1267 के तहत संयुक्त राष्ट्र के आतंकियों की सूची में शामिल करने के प्रस्ताव को चीन के विरोध के बाद रोक दिया गया जिससे भारत की चिंता बढ़ गई है। चीन की इन हरकतों के कारण भारत के साथ उसके संबंधों में खटास आ रही है। यहां कारण है कि भारत तेजी से चीन के आस-पास के देशों के सैन्य संबंध बढ़ाकर चीन को जवाब देने का प्रयास कर रहा है। अपने इसी रणनीति के तहत भारत ने जापान और वियतनाम के साथ रणनीतिक और सैन्य साझेदारी पर जोर दिया है। सूत्रों का कहना है वियतनाम आकाश सतह मिसाइल प्रणाली के सौदे पर विचार-विमर्श कर रहा है। यही नहीं भारत इस साल अपने सुखोई -30 एमकेआई लड़ाकू विमानों पर वियतनामी लड़ाकू पायलटों के साथ प्रशिक्षण भी शुरू करेगा।