इंडिया न्यूज सेंटर, नई दिल्ली: एनएसजी सदस्यता और मसूद अजहर के मसले पर चीन के साथ भारत के मतभेदों के मद्देनजर चीन ने कहा है कि इनका असर दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर नहीं पडऩा चाहिए। साथ ही चीन ने भारत को आगाह किया है कि एनएसजी और अजहर के मुद्दे पर उसका कोई रुख बदलने वाला नही है। हालांकि भारत और चीन के उदय से दोनों देशों के लिए अप्रत्याशित अवसर पैदा होने संबंधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान की सराहना करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने बुधवार को कहा कि ठोस और स्थिर सहयोग स्थापित करना दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, जहां तक प्रधानमंत्री मोदी की सकारात्मक टिप्पणियों का सवाल है तो हम इसकी सराहना करते हैं। दोनों देशों के नेतृत्व एक दूसरे के निरंतर संपर्क में हैं और एक दूसरे से गहन बातचीत कर रहे हैं। हमें एक-दूसरे पर उंगली उठाने और मुख्य हितों की उपेक्षा करने की बजाय मतभेदों को मित्रवत बातचीत के जरिए इसे दूर करना होगा। चीनी विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने और एनएसजी की सदस्यता के मुद्दे को दोनों देशों के रिश्तों में बाधा नहीं बनने देना चाहिए। गौरतलब है कि चीन ने पिछले साल न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप में भारत की सदस्यता लेने की कोशिशों पर पानी फेर दिया था। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र से मसूद और उसके आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद पर बैन की कोशिशों पर भी चीन ने अड़ंगा लगाया था। आपको बता दें कि पीएम मोदी ने मंगलवार को रायसीना संवाद-2 में पड़ोस में एकजुटता से जुड़ा अपना नजरिया पेश किया था।