इंडिया न्यूज सेंटर, नई दिल्ली: चीन ने बुधवार को अपने सबसे शक्तिशाली नौसैनिक युद्धपोत - टाइप 055 - को लॉन्च किया, जो दुनिया के सबसे बड़े युद्धपोतों में से एक है। चीन इस तरह के चार युद्धपोत तैयार कर रहा है, जिनमें से पहला बुधवार सुबह शंघाई पोत पर सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किया गया। पूरी तरह सशस्त्र होने पर 12,000 टन से भी ज़्यादा वजन वाला विशालकाय टाइप 055 युद्धपोत भारत के उस ताजातरीन प्रोजेक्ट-15बी 'विशाखापट्टनम' क्लास युद्धपोत- से कहीं ज़्यादा बड़ा और शक्तिशाली है, जिसे अभी तक भारतीय सेना में शामिल भी नहीं किया गया है। भारत के अत्याधुनिक युद्धपोतों का वज़न भी पूरी तरह सशस्त्र कर दिए जाने पर 8,200 टन रहने वाला है, और उन्हें सतह से हवा में मार कर सकने वाली, एन्टी-शिप तथा लैंड अटैक करने में सक्षम कुल मिलाकर 50 मिसाइलों से लैस किया जा सकेगा। दूसरी ओर, चीन के इस विशाल युद्धपोत पर कुल मिलाकर लगभग 120 मिसाइलें तैनात की जा सकेंगी, जिनकी वजह से यह दुनिया के सबसे ज़्यादा सशस्त्र युद्धपोतों में से एक बन जाता है। बेहद शक्तिशाली ऐरे रडार इसे समुद्र, धरती तथा हवा में लक्ष्यों पर फोकस करने में मदद करेंगे। यह नया विशाल युद्धपोत चीन द्वारा अपनी सेना में शामिल किए अब तक के सभी युद्धपोतों में सर्वाधिक अत्याधुनिक है। गौरतलब है कि चीन ने पिछले पांच साल में बेहद तेज़ गति से कई नए आधुनिक युद्धपोत अपनी सेना में शामिल किए हैं। चीन के सैन्य विकास पर चर्चा करने वाले ओपन-सोर्स ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पीएलए रीयलटॉक के मुताबिक, "टाइप ०५५ से उम्मीद है कि वह पहले से कहीं ज़्यादा आधुनिक तथा अधिक सक्षम कमांड व कंट्रोल व युद्ध प्रबंधन सिस्टम उपलब्ध कराएगा..." मार्च, २०१४ से अब तक चीन पांच टाइप 52डी युद्धपोतों को अपनी सेना में शामिल कर चुका है, जो क्षमता के लिहाज़ से भारत के 'विशाखापट्टनम' क्लास के युद्धपोतों के समान माना जाता है। भारत के लिए चिंताजनक यह भी है कि एक ओर जहां भारत ने इस तरह के सात युद्धपोत बनाने की योजना बनाई है, वहीं चीन इस क्लास के कम से कम 18 युद्धपोतों की योजना पर काम कर रहा है।