इंडिया न्यूज सेंटर, नई दिल्ली: आक्रामक शॉट खेलने वाले सचिन तेंदुलकर को मैदान पर गुस्सा नहीं आता था। उनका ये स्वभाव उन गेंदबाजों की खीझ बढ़ा देता था जिनकी वे धुनाई करते थे। सचिन का कहना है कि आक्रामक कब होना है यह फैसला मेरे हाथ में है लेकिन कभी बदला लेने के लिए मैं आक्रामक नहीं हुआ। ग्लेन मैकग्रेथ के खिलाफ अपने आक्रामक रवैये के सवाल पर सचिन ने कहा कि वो सोची समझी रणनीति थी। सचिन कहते हैं कि मैकग्रेथ के बारे में मैंने दादी से बात की और मैं बता दूं कि दादा (सौरव गांगुली) को मैं कभी कभी दादी भी बोलता था, तो मैंने उनसे बात की और हमने तय किया कि उन्हें जरा मानसिक रूप से परेशान करना होगा ताकि वह अलग गेंद फेंकें, इसलिए मैंने उस वक्त ग्लेन से ऐसी बातें कहीं जो मैं यहां बता भी नहीं सकता। नॉन स्ट्राइकर एंड पर खड़े होकर कौन से खिलाड़ी की बल्लेेबाजी देखने में उन्हें मजा आता था, इस पर सचिन ने वीरेंद्र सहवाग का नाम लिया।