जितेन्द्र शर्मा, पठानकोटः जिला पठानकोट पंजाब में 9वां स्थान रखता है। इसकी सीमाएं जहां हिमाचल प्रदेश व जम्मू कश्मीर राज्यों से लगती हैं। वहीं पाकिस्तान-भारत से सटा हुआ इसका क्षेत्र भी काफी है। जिला पठानकोट 2011 में आस्तीत्व में आया। इससे पहले यह क्षेत्र गुरदासपुर जिला के अधीन पडता था। इसके तीन विधानसभा क्षेत्र पठानकेाट, सुजानपुर तथा भोआ है। जिसमें मतदाताओं की संख्या 1 करोड 43 लाख हैं। जिसमें 74926 पुरूष वोटर तो 68514 महिला वोटर हैं। जिला पठानकोट की अलग पहचान एशिया की सब से बडी आर्मी छाबनी तथा पहाडियों से घिरे हुए शाहरपुरकंडी के रणजीत सागर डैम हैं। वहीं जिला के हलका भोआ की अधिक सीमा पाकिस्तान-भारत वार्डर से लगती है। हलका पठानकेाट का क्षेत्र शहरी है जबकि अन्य दोनों हलकें के क्षेत्र ग्रामीण क्षेत्र हैं। यहां के लोगों का मुख्य धंधा ख्ेातीबाडी ही है तथा यहां उद्योगों के नाम पर कुछ भी नहीं दिखाई देता।
हलके का सामाजिक व राजनीतिक ब्यौराः जिला पठानकोट में अधिक आबादी हिन्दु लोगों की होने के कारण अधिकतर हिन्दु विधायक ने राज किया है। वहीं जिला में पिछले दशकों में कांग्रेस का ही अधिपत्य रहा। लेकिन पिछले दो विस चुनावों से जिला में भाजपा का अधिपत्य स्थापित है। पिछले पांच वर्षों से पठानकोट से भाजपा विधायक अश्वनी शर्मा, सुजानपुर से भाजपा विधायक दिनेश ङ्क्षसह बब्बू तथा हलका भोआ से भाजपा विधायक सीमादेवी सत्तासीन रहे हैं।