इंडिया न्यूज सेंटर, जयपुर: जीएसटी को लेकर चाहे कोई कुछ भी कहे लेकिन जीएसटी से राजस्थान के टूरिज्म उघोग पर संकट के बादल आना तय है। ऐसे में अब होटल व्यवसायी ये सोचने में मजबूर हो गए हैं कि उनका काम कैसे चलेगा? 1 जूलाई से पूरे देश में जीएसटी लागू होने जा रहा है जिससे इस स्लैब में बजट और लग्जरी दोनों ही होटल रूमस पर टैकस की दर बढ़ जाएगी। इस बढ़ौतरी का सारा भार पर्यटकों की जेब पर ही पड़ेगा। होटल रूम पर लगने वाले जीएसटी में संशोधन के बाद जो दो टैक्स स्लैब तय हुए हैं एक 7500 रुपये प्रतिदिन वाले बजट होटल तो दूसरे 7500 रुपये से ज्यादा वाले लग्जरी होटल होंगे। ऐसे में राज्य की होटल टूरिज्म इंडस्ट्री को ये डर सता रहा है कि जीएसटी लागू होते ही इस सेक्टर पर जबरदस्त मंदी आ जाएगी। जीएसटी में होटल के रूम्स के स्लैब को दो भागों में बांटा गया है। एक भाग में 7500 रुपए एक दिन वाले होटल है जिनमें अब टैक्स 18 प्रतिशत लगेगा। पहले तक ये टैक्स दर 13 से 15 प्रतिशत था। इससे यह साफ जाहिर होता है कि इस रेंज में होटल में रुकने वाले ग्राहकों को 3 प्रतिशत का नुकसान होगा तो वहीं सबसे ज्यादा नुकसान उन होटलों में होगा जिनके रूम्स की कीमत 7500 से ज्यादा है। इन होटलों में रुकने वाले पर्यटकों को अब 28 प्रतिशत टैक्स देना होगा मतलब साफ है कि बड़े और लग्जरी होटलों में रुकने से आम पर्यटक दूरी बनायेगा या फिर इन होटलों पर दबाव बनेगा। देश में आने वाले कुल विदेशी टूरिस्ट में से 18 से 20 % राजस्थान आते हैं। ऐसे में अगर जीएसटी लागू होने से बढ़ने वाले टैक्स से राजस्थान का टूरिज्म इंडस्ट्री ही नहीं बल्कि देश का टूरिज्म इंडस्ट्री भी इससे संकट में आ सकता है।
अब प्रदेश का होटल व्यवसायी साफ तौर पर जीएसटी के विरोध में खड़ा है और साफ तौर पर कह रहा है कि जहां अन्य देश टूरिज्म को बढ़ाने के लिए कई तरह की योजनांए बनाते है। वहीं भारत में जीएसटी में इतना टैक्स स्लैब रखकर इस इन्डस्ट्री को बर्बाद करने का प्रयास किया जा रहा है।