इंडिया न्यूज सेंटर, नई दिल्ली: कालपुरूष सिद्धांत के अनुसार, व्यक्ति की कुण्डली का आठवां भाव पैरों के तलवों से संबंधित है। आठवें भाव से भोग विलासिता और जीवन में व्यक्ति कितनी उन्नति करेगा, यह पता लगता है। आठवां भाव पैरों से जुड़ा होने के कारण इसका असर जूतों पर भी पड़ता है। कई बार जूतों के कारण ही हमारे बनते काम बिगड़ जाते हैं। आज हम आपको जूतों से संबंधित कुछ ऐसी ही कुछ खास बातें बता रहे हैं, जो भविष्य में आपके काम आ सकती हैं। तोहफे में मिले या चुराए हुए जूते पहनने से आपकी प्रमोशन व दूसरे कामों में रुकावट आ सकती है। उधड़े और फटे जूते पहनकर नौकरी ढूंढऩे न निकलें, इससे असफलता मिलने का भय बना रहता है। ऑफिस में भूरे रंग के जूते पहनकर जाने से काम में बाधाएं उत्पन्न होती हैं। मेडिकल फील्ड और लोहे का काम करने वाले सफेद जूते पहनने से परहेज करें। पानी से संबंधित और आयुर्वेदिक से जुड़े लोगों को नीले रंग के जूते नहीं पहनने चाहिएं। बैंक में कान करने वाले और एजुकेशन फील्ड में काम करने वालों को कॉफी कर्ल के जूते पहनने से बचने चाहिए।