दुबई। जो चीजे जैसी दिखती है वैसी जरूरी नहीं होती है। हर चीज का दूसरा पहलू जरूर होता है। ऐसे ही दुबई की बात आती है तो हमें उसकी चमक दमक अपनी ओर खींचती है लेकिन उसके दूसरे पहलू से शायद ही लोग वाकिफ हो। दुबई में जहां एक ओर अमीरी है तो वहीं दूसरी ओर बहुत ज्यादा गरीबी है। वहां एक ओर खुशी और मौज मस्ती है तो वहीं कई तरह की कानूनी और गैर कानूनी बंदिशे भी है। बहुतों को दुबई किसी स्वर्ग से कम नहीं लगती तो वहीं बहुत से लोगो के लिए दुबई नरक है। कुछ लोग जिनके साथ ऐसा हो चुका है उनका कहना है कि दुबई मे लोगो को गलत कारणों से भी जेल में डाला जा सकता है, टार्चर किया जा सकता है। इतना ही नहीं मार मार कर बुरा हाल किया जा सकता है। पिछले दिनाें में ऐसे ही दो मामले सामने आये। पहला मामला कार्ल विलियम्स का था जिनका कहना है कि 2012 में उन्हें नकली चरस रखने के आरोप में जेल में डाल दिया गया था। वे लाख कहते रहे कि किसी और ने इसे उनकी कार में साजिशन रख दिया था, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी गई। उन्होंने देखा कि जेल में लोगों को बुरी तरह पीटा जा रहा था।
उनके कुछ नाजूक अंगो पर इलेक्ट्रिक शाॅक भी दिये गये यहां तक उन्हें कई बार यह भी लगा कि आॅफिसर उनका रेप करने वाले है। ऐसे ही दूसरा केस डेविड हैफ का था। एक प्रोफेशनल फुटबॉल क्लब लीड्स यूनाइटेड के मैनेजिंग डायरेक्टरए डेविड को मनी लॉन्डरिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उनका कहना है कि उन्हें पीटा गया और जुर्म कबूल करवाने के लिए ऑफिसर्स द्वारा टॉर्चर भी किया।