रजनीश शर्मा, फिल्लौर: पंजाब के जिला जालंधर में फिल्लौर के पास हुए रेल हादसे ने रेलवे अधिकारियों को झकझोर करके रख दिया है। झेलम एक्सप्रेस की 24 बोगियों में से 10 बोगियां ड्रेल हो गई हैं। इन दस बोगियों ने रेलवे लाइनों ओवरहेड इलेक्ट्रिक लाइन को इस कदर उखाड़ दिया मानो जैसे कोई भूकंप आया हो। घटना की सूचना मिलते ही आनन-फानन में फिरोजपुर डिवीजन के मंडल प्रबंधक अनुज प्रकाश रेलवे सुरक्षा बल के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त शादे जेब खान समेत डिवीजन के तमाम अफसरों का काफिला घटनास्थल पर पहुंचा। ज्वाइंट नोट में दुर्घटना का कारण लाईन फैक्चर माना गया है, लेकिन बताते हैं कि इस पर इंजीनियरिंग विभाग ने आपत्ति जाहिर की है। रेलवे के जानकारों की मानें तो इस घटना के पीछे कोच जाम होना बताया जा रहा है, कारण तीन बजकर चार मिनट झेलम को फिल्लौर स्टेशन पर रोककर मालगाड़ी को पास किया गया है। उसके बाद झेलम एक्सप्रेस को रवाना किया गया था। खास बात यह है कि झेलम एक्सप्रेस की चौबीस बोगियों में से चौदह बोगियां ठीक तरह से पास हो गई थीं, एस-7 के बाद की बोगियां ड्रेल होनी शुरू हुई हैं। उधर जब इस संबंध में नार्दर्न रेलवे के महाप्रबंधक एके पुथिया से बात की तो उनका कहना है हमारी सबसे पहले प्राथमिकता थी घायलों को चिक्तिसा मुहैया कराना। उसके बाद हमने चौदह बोगियों को लुधियाना से पुणे के लिए रवाना किया। ट्रैक को दुरुस्त करके ट्रेनों का आवागमन शुरू करने पर भी पूरा फोकस है। जब उनसे पूछा गया कि ड्रेलमेंट का क्या कारण हो सकता है, तो उनका जवाब था घटनास्थल की जगह सभी काम ठीक होने के बाद जांच भी कराई जाएगी। इसके लिए एक हाईलेवल कमेटी का गठन किया जा रहा है। जांच कमेटी हर पहलू पर जांच करेगी। गौरतलब है कि मंगलवार सुबह फिल्लौर रेलवे स्टेशन के पास ड्रेल हुई झेलम एक्सप्रेस ड्रेल हो गई थी जिसमें दस बोगियां पटरी से उतर गई थीं, इस घटना में तीन लोग जख्मी हो गए। घटनास्थल पर आरपीएफ के आईजी संजय किशोर, चीफ मेडिकल डायरेक्टर समेत सभी विभागों के प्रमुख भी पहुंचे।