इंडिया न्यूज सेंटर, मुंबई: साइरस मिस्त्री को पिछले दिनों अचानक ही टाटा समूह के चेयरमैन पद से अपदस्थ करने वाले रतन टाटा भी टाटा ट्रस्ट्स के मुखिया का पद छोड़ सकते हैं। इस ट्रस्ट की 108 अरब डॉलर यानी करीब 7,327 अरब रुपये की पूंजी वाले टाटा समूह में 66 पर्सेंट की हिस्सेदारी है। ट्रस्ट ने बाहरी कंसल्टेंट्स से नए चेयरमैन के चुनाव को लेकर सलाह मांगी है। उम्मीद की जा रही है अगले साल के मध्य तक नए चेयरमैन की तलाश पूरी हो जाएगी। रतन टाटा के पुराने भरोसेमंद आर. के कृष्ण कुमार ने बताया कि ट्रस्ट्स का नया चेयरमैन भारतीय ही होगा, लेकिन यह जरूरी नहीं है कि वह पारसी ही हो या फिर टाटा फैमिली का सदस्य हो। टाटा ट्रस्ट्स का समूह की लिस्टेड कंपनियों में 41 अरब डॉलर का निवेश है। 79 वर्षीय रतन टाटा भले ही ट्रस्ट्स की कमान नए चेयरमैन को सौंप देंगे, लेकिन वह सदस्य जरूर बने रहेंगे। इस इस्तीफे के साथ ही रतन टाटा दशकों पुरानी अपनी इस जिम्मेदारी से निवृत्त हो जाएंगे। टाटा ट्रस्ट्स से इस्तीफे से उन सवालों पर भी लगाम लग जाएगी, जिनमें कहा जा रहा था कि रतन टाटा ने टाटा संस के नेतृत्व को छोडक़र भी पीछे से कमान संभाल रखी थी। इसके अलावा अगला चेयरमैन भी उनकी विरासत की छाया से परे होगा।