The CBI challenged in 2G scam to High court
इंडिया न्यूज सेंटर,नई दिल्लीः टूजी स्पेक्ट्रम घोटाले पर सीबीआई स्पेशल कोर्ट के फैसले से दंग सीबीआई और एनफोर्समेंट डायरेक्टॉरेट ने हाईकोर्ट में चुनौती देने का निर्णय लिया है। ओपी सैनी की विशेष अदालत ने घोटाले में कथित तौर पर संलिप्त सभी आरोपियों को बरी कर दिया। 19 लोगों को आरोपी बनाया गया था।प्रवर्तन निदेशालय 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन धनशोधन मामले में 19 लोगों को बरी किए जाने के विशेष अदालत के फैसले के खिलाफ अपील करेगा। सूत्रों ने बताया कि एजेंसी आदेश का अध्ययन करेगी और अपने सबूत तथा जांच के साथ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी।
सूत्रों ने कहा कि यह देखना होगा कि प्रवर्तन निदेशालय के मामले को अदालत द्वारा क्या केवल इसलिए खारिज कर दिया गया क्योंकि सीबीआई की जांच को खारिज दिया गया है या ऐसा करने के अन्य कारण हैं। सीबीआई के प्रवक्ता के अभिषेक दयाल ने यह जानकारी दी है कि एजेंसी इस मामले पर विचार कर रही है। न्यायाधीश ओपी सैनी की एक विशेष अदालत ने पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और द्रमुक नेता कनीमोई सहित 19 आरोपियों को 2जी घोटाला मामले से संबंधित प्रवर्तन निदेशालय के धनशोधन मामले से बरी कर दिया है। विशेष न्यायाधीश ने राजा और कनीमोई के अलावा शाहिद बलवा, विनोद गोयनका, आसिफ बलवा, राजीव अग्रवाल, करीम मोरानी, पी अमिरतम और शरद कुमार को भी मामले के सिलसिले में बरी कर दिया। प्रवर्तन निदेशालय ने आरोपपत्र में द्रमुक प्रमुख एम करुणानिधि की पत्नी दयालू अम्मा को भी मामले में आरोपी बनाया था जिसमें उसने आरोप लगाया था कि स्वान टेलीकॉम :प्राइवेट: लिमिटेड :एसटीपीएल: प्रमोटर्स द्वारा 200 करोड़ रुपये का भुगतान द्रमुक संचालित कलैंगर टीवी को किया गया था।