इंडिया न्यूज सेंटर, न्यूयार्क: टेनिस की दुनिया में लंबे समय से अपनी धाक जमाकर रखने वाली अमेरिका की सेरेना विलियम्सन का मानना है कि एक महिला होने और साथ ही अश्वेत होने से उन्हें करियर में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। 22 बार की ग्रैंड स्लेम चैंपियन सेरेना के लिये वर्ष 2016 कुछ खास नहीं रहा जहां वह तीन मेजर टूर्नामेंटों के फाइनल में पहुंची लेकिन सिर्फ एक ही जीत पाईं और साथ ही 187 सप्ताह तक विश्व में नंबर वन रहने के बाद अपनी शीर्ष रैंकिंग भी गंवा बैठीं। लेकिन इसके बावजूद सेरेना को दुनिया की बेहतरीन टेनिस खिलाड़ी माना जाता है।
हालांकि करियर की इतनी ऊंचाइयों के बावजूद सेरेना का मानना है कि महिला होने के कारण उनकी उपलब्धियों को उतना सम्मान नहीं मिला जितना पुरूषों को दिया जाता है। अमेरिकी खिलाड़ी ने एक साक्षात्कार में कहाÞ मुझे लगता है कि एक महिला और साथ ही अश्वेत होने से समाज में उन्हें कई परेशानियां उठानी पड़ी हैं। लेकिन देर से ही सही मैं औरतों के अधिकारों के बारे में बात कर सकी हूं जो उनके रंग की वजह से खो जाता है।
उन्होंने कहा कि शायद यदि मैं पुरूष होती तो मुझे निश्चित ही बहुत पहले महान खिलाड़ी मान लिया जाता। सेरेना ने कहा कि यह बहुत ही चुनौतीपूर्ण होता है कि जब नस्लवाद या महिलाओं के बारे में कुछ आपत्तिजनक बात होती है तो आप कुछ कह न सकें जबकि आप बहुत कुछ महसूस कर रहे होते हैं। कई बार मुझे अपने शरीर के लिए भी बहुत भद्दे कमेंटों का सामना करना पड़ा है। लेकिन फिर मुझे लगा कि इसी शरीर ने मुझे इस स्तर तक पहुंचाया है।