ट्रक ओपरेटरों के हितों को सुरक्षित करने के लिए सभी कदम उठाए जाने का भरोसा दिलाया
इंडिया न्यूज सेंटर,चंडीगढ़ः पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने राज्य में ट्रक यूनियनों पर पाबंदी लगाने के राज्य सरकार के फ़ैसले को वापस लेने से इंकार कर दिया है। साथ ही उन्होंने इस मुद्दे संबंधी अंतिम नोटिफिकेशन जारी करने से पहले सभी संबन्धित पक्षों के विचार सुने जाने का भरोसा दिलाया है। अलग -अलग ट्रक यूनियनों के प्रतिनिधियों के एक वफद को मुख्यमंत्री ने बताया कि ट्रकों वालों के हितों को सुरक्षित किया जायेगा। और भाड़ा तथा अन्य दरें निर्धारित किये जाने से पहले यूनियनों के विचार लिए जाएंगे। दूसरे राज्यों के बड़े ट्रक ऑपरेटरों द्वारा इस व्यापार पर नियंत्रण कर लेने के डर को घटाते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि उधोग विभाग द्वारा तैयार की जा रही नयी औधोगिक नीति के प्रारूप में ट्रक ऑपरेटरों के हितों की रक्षा के लिए सभी संभावी प्रबंध किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि नयी नीति ट्रक ऑपरेटरों और अन्य पक्षों की शंकाओं का निवारण करेगी। मुख्य मंत्री ने कहा कि नीति में तबदीली आने के नतीजे के तौर पर यह यकीनी बनाया जायेगा कि छोटे ट्रक मालिकों को आर्थिक रूप में कोई भी नुक्सान न हो। उन्होंने ट्रक यूनियनों पर पाबंदी के फ़ैसले को वापस लेने की मांग को शुरू से रद्द कर दिया क्योंकि इतना यूनियनों कारण उद्योग पंजाब में आने से डरते हैं। मुख्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राज्य के औद्योगिक विकास के लिए पूरी तरह वचनबद्ध है।
मुख्य मंत्री ने कहा कि ट्रक ऑपरेटरों की सभी शिकायतों का निवारण एस.डी.एमज़ द्वारा किया जायेगा परंतु ट्रक यूनियनों को ख़त्म करने के फ़ैसले को वापस नहीं लिया जायेगा क्योंकि यह फ़ैसला अनेकों अदालती फ़ैसलों की लाईन पर लिया गया है। राष्ट्रपति मतदान के लिए वोट डालने के बाद पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए मुख्य मंत्री ने कहा कि सरकार ने यूनियनों पर पाबंदी लगाने का फ़ैसला बहुत सोच-समझ कर लिया है जिस का मकसद उद्योग, खाद्य अनाज की ढुलाई और पंजाब के आर्थिकता को मज़बूत बनाना है। उन्होंने कहा कि सरकार ने यह फ़ैसला किसी मनमर्जी से नहीं लिया बल्कि यह हाईकोर्ट के तीन फ़ैसलों पर आधारित है जिस में राज्य सरकार को समाज के भले के संदर्भ में ट्रक यूनियनों के एकाधिकार तोडऩे के लिए उचित कदम उठाने के लिए कहा गया है।