` डायमंड बिजनैस के लिए मोदी ने बीच में छोड़ी थी पढ़ाई

डायमंड बिजनैस के लिए मोदी ने बीच में छोड़ी थी पढ़ाई

Modi had left for studies in the Diamond Business share via Whatsapp

इंडिया न्यूज सेंटर, नई दिल्ली: दुनिया में डायमंड ज्वैलरी डिजाइनिंग के फील्ड में नीरव मोदी एक ऐसा नाम है, जिसने अपनी पहिचान अपने बलबूते पर बनाई है। नीरव की लाइफ में एक वक्त ऐसा था जब उन्हें अपने फैमिली बिजनैस को बढ़ाने के लिए स्कूल छोडऩा पड़ा, पर उनके बुलंद होसले के आगे मुश्किलों ने भी घुटने टेक दिए। मोदी की फैमिली डायमंड का ही बिजनैस करती थी। तो बचपन से ही मोदी अपने पिता के साथ डायमंड कटिंग से लेकर हर तरह के डिजाइनिंग हुनर को बारीकी से समझते थे। मोदी की पढ़ाई लिखाई विदेश में हुई। मोदी पेंसिलवेनिया में फाइनैंस की पढ़ाई करते थे लेकिन एक साल बाद ही मोदी ने युनिवर्सिटी छोड़ दी और इस बिजनैस में नया मुकाम बनाने की ठान ली है। 1990 में मोदी मुंबई आ गए और अपने चाचा के साथ डायमंड बनाने के कारोबार में जुड़ गए। वो 12-12 घंटे हफ्ते के सातों दिन काम करते थे। इस समय मोदी को महीने के 3500 रुपए मिलते थे। अपने सपने को पूरे करने के लिए उन्होनें पैसे बचाने शुरू कर दिए। करीब 10 साल तक नौकरी करने के बाद मोदी ने काफी पैसे जमा कर लिए और फिर 15 लोगों के साथ अपनी कंपनी फायरस्टार बनाई। भारत में डायमंड कटिंग का कास्ट विदेश के मुकाबले सस्ता था। इसका फायदा मोदी को मिला। मोदी ने विदेशी क्लाइंट्स को सस्ते में सर्विस देनी शुरू कर दी। मोदी का काम रफ्तार पकडऩे लगा। इसके बाद इन्होंने पीछे मुडक़र कभी नहीं देखा। फायरस्टार ने एक्सपेंशन के दौरान यूएस की 2 बड़ी कंपनियों का अधिग्रहण किया। फायरस्टार डायमंड का कारोबार आज यूएसए, यूरोप, मिडिल ईस्ट और इंडिया मे फैला हुआ है। कंपनी के मुताबिक इनके पास आज 1200 ट्रेन्ड प्रोफेशनल्स की टीम है जो वल्र्डवाइड हाई एंड प्रोडक्ट ग्राहकों तक पहुंचाती है। फोब्र्स के मुताबिक 25 सितंबर 2016 तक मोदी की नैटवर्थ 11,591 करोड़ की है। आज नीरव मोदी 100 अमीर लोगों की सूची में 71वें पायदान पर हैं। 

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Source: india news centre

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